रुद्रपुर। तराई में कड़ाके की ठंड से इंसान ही नहीं मवेशी भी प्रभावित हो रहे हैं। इसके चलते जिले में 17 हजार लीटर दूध का उत्पादन घट गया है जबकि दूध की मांग बढ़ी है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने पशुपालकों को सलाह दी है कि गाय-भैंसों को संतुलित आहार के साथ 50 से 100 ग्राम गुड़ भी खिलाएं। ऊधमसिंह नगर दुग्ध समिति में जिलेभर के करीब 10 हजार दुग्ध उत्पादक करीब 50 हजार लीटर तक दूध की आपूर्ति करते हैं। दिसंबर के आंकड़ों की बात करें तो इस बार समिति को मात्र 33 हजार लीटर ही दूध मिला है। डेयरी विभाग के सहायक निदेशक राजेंद्र चौहान ने बताया कि तराई में अधिक ठंड पड़ने पर दुधारू पशुओं ने दूध देना कम कर दिया है। ठंड से पशु भी प्रभावित हो रहे हैं। बताया कि जनवरी में दो हफ्तों के बाद ठंड का प्रभाव कम होने पर दुग्ध उत्पादक फिर 50 हजार लीटर दूध समिति को उपलब्ध कराएंगे। इधर, सीवीओ डॉ. एसबी पांडेय ने बताया कि पशुओं को ठंड से बचाने के लिए आहार के साथ गुड़ खिलाना जरूरी है। इससे पशुओं में गर्मी बनी रहती है। साथ ही पीने के लिए गुनगुना पानी दें। बताया कि गोशालाओं की खिड़की व दरवाजों को परदे लगाकर ढक दें। इससे शीतलहर गोशाला में नहीं पहुंच पाती है। बताया कि पशुओं को ठंड से बचाने के बाद दूध का उत्पादन बढ़ जाएगा।
तराई में शीतलहर का कहर, सुबह से शाम तक कोहरा
रुद्रपुर। तराई में शीतलहर का कहर बरकरार है। सुबह के समय घने कोहरे के साथ ही रुद्रपुर में दिनभर कोहरा छाया रहा। लोग धूप निकलने का इंतजार करते रहे। शाम को दोबारा कोहरा छा गया। ऐसे में सड़कों पर लोग अपनी गाड़ियों की हेडलाइट जलाते हुए चलते नजर आए।
तराई में कड़ाके की ठंड से घट गया 17 हजार लीटर दुग्ध उत्पादन
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