हल्द्वानी। सरकारी योजना और बजट में किस तरह मनमानी होती है, इसका उदाहरण लघु सिंचाई विभाग की योजना में देखने को मिला है। यहां 16.49 लाख रुपये की योजना में ठेकेदार ने प्रस्तावित स्थल पर निर्माण करने के बजाय 500 मीटर दूरी पर गूल का निर्माण कर दिया। यहीं नहीं विभाग ने बगैर स्थल परीक्षण किए ठेकेदार को आठ लाख से अधिक का भुगतान भी कर दिया। विभागीय जांच हुई तो मामले की परतें खुलीं जिसके बाद विभाग ने तत्कालीन सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता से वसूली के आदेश दिए हैं।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 2014 में ईसाई नगर-2 में 1300 मीटर गूल के निर्माण के लिए 16.49 लाख रुपये की स्वीकृति मिली थी। विभाग ने तीन अनुबंध किए थे। दो अनुबंधों के सापेक्ष प्रस्तावित स्थल पर 375 मीटर गूल का निर्माण किया गया। वहीं तीसरे अनुबंध में प्रस्तावित स्थल पर योजना का निर्माण नहीं किया गया। विभागीय जांच में सामने आया है कि प्रस्तावित स्थल से 500 मीटर दूरी पर ग्राम पंचायत लामाचौड़ साख के नरीपुर में तीन भागों में लगभग 788 मीटर गूल का निर्माण किया गया है। वहीं विभागीय अधिकारियों ने ठेकेदार को 8 लाख से अधिक का भुगतान भी कर दिया है।
मुख्य अभियंता ने दिए वसूली के आदेश
गूल निर्माण में अनियमितता पाये जाने पर लघु सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता ने तत्कालीन सहायक अभियंता गोवर्द्धन सिंह और तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता राम अवतार यादव से 849170 रुपये की वसूली के आदेश जारी किये हैं। 3,39,668 रुपये की वसूली तत्कालीन सहायक अभियंता गोवर्द्धन सिंह से की जानी है जो वर्तमान में लघु सिंचाई विभाग नैनीताल के अधिशासी अभियंता भी है। वहीं 5,09,502 रुपये की वसूली तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता राम अवतार यादव से की जानी है। इस मामले में गोवर्द्धन सिंह का कहना है कि गूल निर्माण का कार्य प्रस्तावित स्थल से कुछ दूरी पर किया गया है। शासन से मिले निर्देशों के आधार पर ही भुगतान किया गया है।
रामपुर लामाचौड़ के ग्राम प्रधान अजमेर सिंह का कहना है कि ईसाई नगर-2 में प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के अंतर्गत गूल निर्माण का काम होना था। मगर लघु सिंचाई विभाग ने बिना गूल निर्माण के फर्जी भुगतान कर दिया। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और ईसाई नगर-2 में स्वीकृत योजना को तत्काल बनाया जाए। अन्यथा ग्रामवासी आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
लघु सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता बीके तिवारी का कहना है कि जांच में पता चला है कि जहां पर काम होना चाहिए था वहां नहीं हुआ है। अनियमितता मिलने पर संबंधित अधिकारियों से वसूली के आदेश जारी कर दिए गए हैं। अगर जरूरत हुई तो ईसाई नगर-2 में नया प्रस्ताव बनाकर गूल निर्माण किया जाएगा।
ईसाई नगर में बननी थी गूल, बना दी आधा किमी दूर
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