खटीमा। झारखंड के देवधर में रोप-वे के दुर्घटनाग्रस्त होने से ट्रॉली में फंसे पर्यटकों को अपने साहस एवं दृढ़ संकल्प से बचाने वाले भारतीय सेना के कैप्टन देवेश जोशी को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति ने शौर्य पुरस्कार देकर सम्मानित किया। कैप्टन देवेश जोशी वर्तमान में खटीमा में निवास करते हैं।
मूलरूप से जिला पिथौरागढ़ के गणाई गंगोली निवासी कैप्टन देवेश के पिता गिरीश जोशी राजकीय शिक्षक एवं माता गृहिणी है। कैप्टन देवेश ने ऑपरेशन त्रिकुट के दौरान झारखंड के देवधर में रोप-वे में फंसे 21 पर्यटकों की जान बचाई थी। वहीं 17 विभिन्न खराब रोप-वे पर आकाश में झूल रही खराब ट्रॉलियों से लोगों को बचाया। कैप्टन देवेश ने टीम का नेतृत्व करते हुए सेना की ओर से चलाए गए अभियान त्रिकुट में क्रालिंग करते हुए ट्रालियों तक पहुंचे।
इनके अदम्य साहस, परिश्रम, दृढ़ संकल्प के लिए राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैप्टन देवेश को उनके अदम्य साहस के लिए मिले शौर्य पुरस्कार पर फोन पर बधाई दी है।
अदम्य साहस के लिए खटीमा के कैप्टन देवेश को मिला शौर्य पुरस्कार
RELATED ARTICLES