नानकमत्ता। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिख समाज मानव सेवा, धर्म व राष्ट्र के लिए समर्पित है। सिख पंथ से सेवा भाव की सीख व शिक्षा मिलती है।सीएम ने कहा कि सिखों की प्रार्थना एकोओंकार से होती है जिसका अर्थ है कि ईश्वर एक है। सिख धर्म का कितना व्यापक दर्शन है, कितनी सहजता व सरलता है कि प्रथम गुरु गुरुनानक देव ने मानवता सेवा, दीन दुखियों व गरीबों की सेवा, समाज में पीछे रह गए लोगों को आगे लाने का काम किया। यह सिलसिला गुरुनानक देव से शुरू होकर दशमेश गुरु गुरु गोविंद सिंह जी तक चलता रहा और फिर पूरी सिख कौम ने इसे अपना धर्म व कर्तव्य मान लिया। इससे पूर्व सीएम धामी ने सच्च खंडवासी संत रत्न बाबा हरबंश सिंह जी, बाबा फौजा सिंह और बाबा टहल सिंह को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। रविवार को धार्मिक डेरा कारसेवा में 15 दिवसीय 92 श्री अखंड पाठ साहिब की लड़ियों का भोग पड़ा। भोग के बाद आयोजित अरदास में अमृतसर (पंजाब), फतेहगढ़ साहिब, करनाल, दिल्ली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, रामपुर और आसपास के क्षेत्रों की हजारों संगत के साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी शिरकत की। इससे पूर्व सीएम ने गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब के दर्शन किए और श्री हरमिंदर साहिब के दरबार में अरदास की। सीएम ने पवित्र सरोवर व पंजा साहिब के भी दर्शन किए।
डेरे में सजे धार्मिक दीवान में सीएम ने कहा कि संत रत्न बाबा हरबंश, बाबा फौजा सिंह और बाबा टहल सिंह ने अपना जीवन गुरुओं की सेवा व समाज की भलाई में लगाया। ये सेवा का भाव सिख पंथ से आया। सिख पंथ ने हमेशा मानव सेवा की भावना का प्रचार-प्रसार किया। समाज को एकता व भाईचारे का रास्ता दिखाया। पूरी तराई को बसाने और आगे बढ़ाने का काम भी सिखों ने किया।
सीएम ने कहा कि दिल्ली में गुरु तेग बहादुर जी की जयंती के मौके पर देश भर के लोगों ने ऐतिहासिक कार्यक्रम किया। हम गुरु गोविंद सिंह जी, गुरु तेग बहादुर सिंह जी का इतिहास पढ़ रहे हैं। नई पीढ़ी के व्यक्तित्व व संस्कारों में यह घुला होना चाहिए। सिंह साहिबान ज्ञानी गुरवचन सिंह ने कहा कि युवा पीढ़ी धर्म से विमुख होती जा रही है। नशा बढ़ रहा है। सभी को एकजुट होकर नशे के खिलाफ काम करने की जरूरत है। धार्मिक दीवान में नामधारी संप्रदाय के भाई मनमोहन सिंह नामधारी के ढाढ़ी जत्थे के साथ ही रागी व कविसरी जत्थों ने भी संगत को निहाल किया।दीवान का संचालन सुखविंदर सिंह एमए ने किया। वहां दिल्ली से आए बाबा बचन सिंह, बाबा सुरेंद्र सिंह, बाबा सुक्खा सिंह करनाल, बाबा निम्मा सिंह डेलोवाले, बाबा गुरजंट सिंह नानकपुरी टांडा, बाबा श्याम सिंह रीठा साहिब, बाबा गुलजार सिंह फतेहगढ़, बाबा तरसेम सिंह, विलसंडा यूपी के विधायक स्वामी प्रवक्तानंद, पूर्व विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरबंश सिंह चुघ, सदस्य अमरजीत सिंह, सुखदीप सिंह नामधारी, हरभजन सिंह, किसान आयोग के उपाध्यक्ष राजपाल सिंह, अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष इकबाल सिंह लाडी, लक्खा सिंह, वरुण अग्रवाल, केडी गहतोड़ी, उमेश अग्रवाल आदि थे।
धार्मिक नगरी को मिलेगी ‘श्री नानकमत्ता साहिब’ नाम से नई पहचान
नानकमत्ता। धार्मिक नगरी को जल्द ही ‘श्री नानकमत्ता साहिब’ नाम की नई पहचान मिलेगी। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरबंश सिंह चुघ ने नानकमत्ता का नाम बदलकर श्री नानकमत्ता साहिब रखने की मांग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष रखी थी। सीएम ने डेरे में मंच से इसकी घोषणा कर दी। सीएम ने कहा कि नानकमत्ता पौराणिक स्थान है जिसे देश व दुनियां के लोग जानते हैं। इस पवित्र स्थान को धार्मिक पर्यटन क्षेत्र के नक्शे पर लाया जाएगा। इसके अलावा पंजाबी भाषा राज्य की दूसरी भाषा, रीठा साहिब के लिए हेलीकाप्टर सेवा शुरू करने, नानकमत्ता साहिब से अमृतसर तक वॉल्वो बस सेवा चालू कराने की मांग उठी। गुरुद्वारा पंबंधक कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा कि यदि हेलीपैड के लिए जमीन की जरूरत पड़ी तो वह भी उपलब्ध कराई जाएगी। सीएम ने सभी मांगों पर डीएम युगल किशोर पंत को कार्यवाही के निर्देश दिए।
गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब को अभी तक नानकमत्ता नाम से जाना जाता है लेकिन सिख संगत की भावनाओं के अनुरूप इस क्षेत्र का नाम श्री नानकमत्ता साहिब नाम होना चाहिए था। इसी को लेकर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान चुघ ने सीएम के समक्ष मामला रख दिया। उन्होंने कहा कि यूपी में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया उसी तर्ज पर यहां भी श्री नानकमत्ता साहिब नाम होना चाहिए। इस पर सीएम ने भी धार्मिक डेरा कारसेवा में संबोधन के दौरान उनकी मांग को पूरा करते हुए घोषणा कर दी। सीएम ने बताया कि धार्मिक नगरी को पर्याप्त बिजली देने के लिए फीडर बनाने का तेजी काम हो रहा है। हेलीपैड की व्यवस्था पर विचार किया है। तीर्थ यात्री, धर्मप्रेमी व श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। हेमकुंड साहिब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोप-वे बनाने की बात कही थी जिसकी डीपीआर तैयार हो गई है। जल्द ही रोपवे की व्यवस्था हो जाएगी। इस वर्ष पूरे प्रदेश में तीर्थ यात्री रिकॉर्ड तोड़ संख्या में आए हैं। 37 लाख का आंकड़ा पार हो चुका है। सीएम ने कहा कि रजत जयंती तक प्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का संकल्प लिया है।
तराई के किसानों को नहीं होने देंगे परेशानी : सीएम
नानकमत्ता। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि तराई सिख व किसान बहुल क्षेत्र है। किसानों को धान खरीद में कोई परेशानी नहीं होने देंगे। सभी सेंटरों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। धान का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। गन्ने के भुगतान की व्यवस्था की गई है। सितारगंज चीनी मिल को चलाने की मांग को पूरा किया गया है। धामी ने कहा कि मुख्य सेवक बनते ही पूर्व आईएएस हरबंश सिंह चुघ को व्यक्तिगत काम बताते हुए उन्हें गन्ना सचिव बनने का आग्रह किया था और इनके रहते चीनी मिल चालू भी हो गई।
हिंद की चादर बनकर औरंगजेब से लड़े थे श्री गुरु गोविंद सिंह
नानकमत्ता। सीएम धामी ने सिख कौम को निर्भीक और धर्म रक्षक बताया। कहा कि देश को विदेशी आक्रांताओं से रक्षा करने, सीमाओं को सुरक्षित बनाने, जमीन से सोना उगाने में सिख भाइयों का अहम योगदान है। हम कभी नहीं भूल सकते कि औरंगजेब के सामने श्री गुरु गोविंद सिंह हिंद की चादर बनकर खड़े थे और धर्म की रक्षा की। उनके बलिदान को कभी भूल नहीं सकते। इसी तरह गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान ने अनेक पीढ़ियों को अपनी संस्कृति की रक्षा करने, उसके मान सम्मान और स्वाभिमान के लिए जीने व मरने की प्रेरणा दी है। ये नई पीढ़ी को भी विरासत में मिलना चाहिए।
हरमिंदर साहिब दरबार में सीएम का स्वागत
नानकमत्ता। सीएम पुष्कर सिंह धामी के ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब पहुंचने पर श्री हरमिंदर साहिब दरबार में उनका स्वागत किया गया। सीएम ने दरबार में मत्था टेक प्रदेश की सुख शांति के लिए अरदास की। इसके बाद गुरुद्वारा प्रबंधक के प्रधान हरबंश सिंह चुघ, महासचिव अमरजीत सिंह ने सीएम को सरोपा व स्मृृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इससे पूर्व गुरुद्वारा साहिब के परिसर में पहुंचने पर पूर्व विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा, वरिष्ठ भाजपा नेता वरुण अग्रवाल, पर्वतीय संस्कृति समिति के अध्यक्ष सुरेश जोशी, पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष धर्म सिंह बिष्ट, प्रमोद अग्रवाल, उमेश अग्रवाल, डॉ. देवेंद्र सिंह, चरनजीत सिंह आदि ने स्वागत किया।
धार्मिक नगरी को मिलेगी श्री नानकमत्ता साहिब नाम से नई पहचान
RELATED ARTICLES