रुद्रपुर। पंतनगर विश्वविद्यालय फार्म की भूमि को बटाई पर लेने वाले किसानों के लिए ई-खरीद पोर्टल बंद कर दिया गया है। इससे किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पोर्टल पर चढ़ाए गए पहले के धान की कीमत व दोबारा धान बेचने जा रहे किसानों के धान की तौल नहीं की जा रही है। बिगवाड़ा निवासी किसान विक्रमजीत सिंह विर्क ने बताया कि पंतनगर विवि फार्म में उन्होंने धान के लिए बटाई पर भूमि ले रखी है। बटाई पर भूमि लेने वालों के लिए अलग से ई-खरीद पोर्टल पर पंजीकरण किया जाता है। बताया कि इससे पूर्व उन्होंने पंतनगर स्थित यूसीएफ के बेनी धान क्रय केंद्र में 500 क्विंटल धान बेच दिया है। सोमवार को पांच किसानों के साथ ट्रॉली में 105 क्विंटल धान भरकर वह क्रय केंद्र पहुंचे।
आरोप लगाया कि धान क्रय करने के लिए जब उनका नाम पोर्टल में देखा गया तो नाम नहीं मिला। उन्होंने बताया कि ई-खरीद पोर्टल पर उनके साथ अन्य 91 किसानों के नाम भी पोर्टल से गायब हो गए हैं। पोर्टल में पूर्व में बेचे गए धान का विवरण भी मौजूद था। बताया कि पोर्टल में नाम नहीं मिलने से उनके धान का मूल्य सही समय पर नहीं मिल पाएगा और न ही वह क्रय केंद्र में धान बेच सकेंगे। बताया कि इस संबंध में एसडीएम से शिकायत करने के लिए संपर्क किया लेकिन संपर्क नहीं हो सका। आरोप लगाया कि क्रय केंद्र में 4000 क्विंटल धान कई दिनों से पड़ा है। एआर कोऑपरेटिव तुलसी बुदियाल ने बताया कि बटाईदारों के पोर्टल से नाम गायब हो गए हैं किस वजह से नाम गायब हैं इसका पता करवाया जा रहा है।
बटाईदारों के लिए बंद हुआ खरीद पोर्टल
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