आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट बनाने से किसी भी व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य दस्तावेज संभाल कर रखने का झंझट नहीं रहेगा। अब तक प्रदेश के 28 लाख लोग आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) पर अपने स्वास्थ्य दस्तावेज सुरक्षित कर चुके हैं। अब उन्हें डिजिटल हेल्थ आईडी से एक क्लिक पर मेडिकल हिस्ट्री मिल जाएगी। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत प्रत्येक नागरिक का आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) बनाया जाना है। उत्तराखंड में अब तक 28 लाख लोगों ने डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई है। आईडी बनने के बाद अब उन्हें स्वास्थ्य संबंधित जांच रिपोर्ट और डॉक्टर के परामर्श की पर्ची संभाल कर रखने की जरूरत नहीं है। देश के किसी भी अस्पताल में इलाज करने पर डिजिटल हेल्थ आईडी से व्यक्ति की मेडिकल हिस्ट्री मिल जाएगी। जिससे इलाज करने वाले डॉक्टरों को पुरानी मेडिकल रिपोर्ट देख कर बीमारी को समझने में आसानी होगी।
ऐसे बनाएं डिजिटल हेल्थ आईडी
कोई भी व्यक्ति अपने स्मार्ट फोन, कंप्यूटर, लैपटॉप से कोविन एप से आभा लिंक को ओपन करें या आभा का क्यूआर कोड स्कैन करे। जिसमें आईडी बनाने वाले व्यक्ति को अपना नाम, जन्मतिथि, आधार नंबर, मोबाइल नंबर लिखना होगा। इसके बाद मोबाइल नंबर ओटीपी आएगा। ओटीपी दर्ज करने के बाद डिजिटल आईडी बन जाएगी।
अस्पताल खुद अपलोड करेंगे मेडिकल दस्तावेज
डिजिटल हेल्थ आईडी पर अस्पताल व डॉक्टर खुद ही मरीज के इलाज से संबंधित दस्तावेज अपलोड करेंगे। आईडी में व्यक्ति अपने स्तर पर कोई भी जांच रिपोर्ट या डॉक्टर के परामर्श की पर्ची अपलोड नहीं करेंगे। सरकारी, निजी अस्पतालों के साथ डॉक्टरों, हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स, हेल्थ फैसिलिटी पंजीकरण को भी अपनी आईडी बनानी होगी। प्रदेश में प्रत्येक नागरिक की डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई जाएगी। इसके लिए जल्द ही जिला स्तर पर शिविर लगाकर भी निशुल्क डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई जाएगी। आशाओं व हेल्थ वर्करों के माध्यम से लोगों को डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने के लिए जागरूक किया जाएगा। – डॉ. धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री
एक क्लिक पर मिलेगी मेडिकल हिस्ट्री, 28 लाख लोगों ने ‘आभा’ को चुना, दस्तावेज संभालने का झंझट खत्म
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