चमोली-खैनुरी सड़क के सुधारीकरण और डामरीकरण की मांग के लिए बार-बार आंदोलन करने के बाद भी जब मांग नहीं सुनी गई तो ग्रामीणों का गुस्सा एक बार फिर फूट पड़ा। मंगलवार को खैनुरी गांव के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में पारंपरिक वाद्य यंत्रों ढोल-दमाऊं और भाणा-भंकोरे के साथ प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण की जांच की मांग उठाई। मौके पर पहुंचे डीएम ने स्वयं सड़क के निरीक्षण के बाद प्रस्ताव शासन को भेजने का आश्वासन दिया जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए और घरों को लौट गए। खैनुरी गांव में करीब 400 परिवारों की लगभग 1500 की आबादी रहती है। गांव के लिए अपर चमोली-खैनुरी (10 किमी) मोटर मार्ग का निर्माण कार्य 2009 में शुरू हुआ था।
सड़क पर डामरीकरण कार्य भी किया गया लेकिन वर्ष 2013 की आपदा के बाद से सड़क पर जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है। सड़क पर नाली निर्माण न होने से बरसात का पानी सड़क पर बहता है जिससे सड़क से डामर उखड़ गया है। सड़क सुधारीकरण न होने से गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार को वाद्य यंत्रों के साथ नगर के मुख्य तिराहे से जिलाधिकारी कार्यालय तक प्रदर्शन किया और दो घंटे तक यहां धरना दिया। कहा कि सड़क सुधारीकरण न होने से ग्रामीणों को चार किमी पैदल चलना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत बुजुर्गों और बीमारों को होती है। स्थिति यह है कि यह सड़क दोपहिया वाहनों के चलने लायक तक नहीं है। इस मौके पर ग्राम प्रधान रेखा देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य पूनम देवी, नव युवक मंगल दल अध्यक्ष सुभाष सिंह, विरेंद्र सिंह, रघुवीर सिंह, खीम सिंह, विनिता देवी, त्रिलोक सिंह, लखपत नेगी, नरेंद्र पंवार, मातबर सिंह, पंकज फरस्वाण, खेम सिंह, गोविंद सिंह, विनोद सिंह, विरेंद्र सिंह, सोबन सिंह आदि मौजूद रहे।
बुजुर्गों का कहना…
खैनुरी सड़क की शुरुआत जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी से होती है लेकिन आज तक कोई भी अधिकारी सड़क की दुर्दशा देखने नहीं पहुंचा। सड़क जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है जिससे ग्रामीण गंतव्य तक जाने के लिए वाहन के बजाय पैदल आवाजाही करते हैं। – त्रिलोक सिंह, 74 वर्षीय, खैनुरी गांव निवासी
सड़क निर्माण हुए 13 साल का समय हो गया है लेकिन आज तक यह वाहनों के चलने लायक नहीं बनी है। बुजुर्ग, बीमार और स्कूली बच्चों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क के सुधारीकरण के लिए तीन बार आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला। – दलीप सिंह नेगी, 68 वर्षीय, खैनुरी गांव निवासी।
जिलाधिकारी से कई बार सड़क सुधारीकरण की मांग कर चुके हैं। पीएमजीएसवाई और लोनिवि के अधिकारी सड़क सुधारीकरण में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। सड़क पर कहीं नाली नहीं है तो कहीं दीवार निर्माण नहीं हुआ है। अब सड़क के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे। – विजय सिंह नेगी, 65 वर्ष, खैनुरी गांव निवासी।
शीघ्र सड़क का निरीक्षण करने जाऊंगा। सड़क सुधारीकरण के लिए क्या-क्या कार्य किए जाएंगे, इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। सड़क सुधारीकरण के लिए शासन से वार्ता भी की जाएगी। – हिमांशु खुराना, डीएम, चमोली।
सड़क नहीं बनने से फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, ढोल-दमाऊं और भाणा-भंकोरे के साथ किया प्रदर्शन
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