उत्तराखंड के चार पर्वतीय जिलों में पर्यटकों की पार्किंग की समस्या दूर होने जा रही है। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु के निर्देश पर चारों जिलों में कुल 12 पहाड़ों को टनल पार्किंग के लिए चुना गया है। इनकी डीपीआर बनाई जा रही है। हर साल लाखों पर्यटक उत्तराखंड आते हैं, लेकिन पहाड़ी जिलों में पार्किंग की समस्या विकराल है। चारधाम यात्रा में तो पूरे शेड्यूल के हिसाब से वाहन भेजे जाते हैं। पार्किंग की समस्या दूर करने के लिए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु के निर्देशों पर टनल पार्किंग पर काम शुरू हुआ था। यह पार्किंग बनाने के लिए आरवीएनएल, यूजेवीएनएल, टीएचडीसी और एनएचआईडीसीएल को कार्यदायी संस्था बनाया गया है।
अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सभी डीएम को टनल पार्किंग के लिए स्थान तय करने के निर्देश दिए थे। पौड़ी में दो, टिहरी में छह, उत्तरकाशी में दो और नैनीताल में दो मिलाकर 12 टनल पार्किंग की जगह तय होने के बाद कार्यदायी संस्थाएं डीपीआर बना रही हैं। उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण के संयुक्त मुख्य प्रशासक पीसी दुमका ने बताया कि टनल पार्किंग की डीपीआर प्रक्रिया चल रही है।
किस जिले में कहां बनेगी टनल पार्किंग
पौड़ी-लक्ष्मण झूला और देवप्रयाग रेलवे स्टेशन के पास सौड़
टिहरी-कैंपटी फॉल मसूरी, मसीही मसूरी रोड के सामने (चंबा), ओल्ड टिहरी रोड कूड़ाघर के सामने (चंबा), नैनबाग धनोल्टी, छिलेड़ी गांव तेगड़ बाजार और थत्यूड़ बाजार, मेन बाजार
उत्तरकाशी-गंगोत्री और गंगनानी
नैनीताल-नैनीताल भवाली रोड पर कैंट बोर्ड की जमीन और नेशनल ऑब्जर्वेटरी के पास पहला मोड़
कैसी होगी टनल पार्किंग
जिन पर्वतीय जिलों में पार्किंग के लिए बड़ा मैदान उपलब्ध नहीं है, वहां पहाड़ों के भीतर ही टनल से पार्किंग का काम लिया जाएगा। ये पार्किंग ऐसी बनाई जाएंगी कि एक तरफ से वाहन पार्किंग के लिए घुसेगा और दूसरी सड़क पर बाहर निकल जाएगा।
2025 तक प्रदेश में बड़ी पार्किंग
सरकार ने वर्ष 2025 तक प्रदेश में 50 बड़ी पार्किंग बनाने का लक्ष्य तय किया है। 2030 तक इनकी संख्या 100 तक हो जाएगी। इसमें निजी सहभागिता के लिए भी विशेष छूट के प्रावधान किए जा रहे हैं। इसके लिए शासन स्तर पर पार्किंग नीति की प्रक्रिया चल रही है, जो जल्द ही कैबिनेट में लाई जाएगी।
एक्सक्लूसिव: उत्तराखंड के पहाड़ों में टनल पार्किंग के लिए 12 जगह तय, पढ़ें किस जिले में कहां होगी
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