उद्योगों के ईपीआर विवाद के बीच अब उत्तराखंड के बैटरी निर्माता, बैटरी बेचने वाले डीलरों के लिए पंजीकरण अनिवार्य हो गया है। उन्हें पुरानी बैटरी के मैनजमेंट का ईपीआर देना होगा। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बैटरी वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2022 (बीडब्ल्यूएम) की ऑनलाइन पंजीकरण एसओपी जारी कर दी है। प्रदेश में वाहन, रिमोट, फोन, इनर्वटर, ई-वाहन की बैटरी बेचने वालों का पंजीकरण बीडब्ल्यूएम में अनिवार्य कर दिया गया है। 31 मार्च तक के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में महज 110 डीलर पंजीकृत थे, जबकि इनकी अनुमानित संख्या हजारों में है। इनका पंजीकरण केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की वेबसाइट पर होगा। बैटरी बेचने वालों को हर साल पुरानी बैटरी रिसाइकल या रिचार्जिंग के लिए वापस लेने का लक्ष्य दिया जाएगा।
रिसाइकल, रिचार्जर का पंजीकरण
जितने भी बैटरी को रिसाइकल या रिचार्ज करने वाले हैं, अब उनका भी पंजीकरण अनिवार्य होगा। ऐसे लोगों को उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में अपना पंजीकरण कराना होगा। बाकायदा बैटरी वेस्ट के निस्तारण का एक्सडेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी (ईपीआर) प्लान जमा कराना होगा।
ऐसे समझें इस नियम को
अगर कोई निर्माता एक साल में 100 बैटरी बनाता है तो उसे 30 से 40 प्रतिशत बैटरी वेस्ट हर साल वापस लेना होगा। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जितने भी बैटरी बनाने, बेचने, विदेशों से आयात करने वाले लोग हैं, बीडब्ल्यूएम एक्ट 2022 के तहत उनका पंजीकरण अनिवार्य होगा। हर साल निकलने वालीं पुरानी बैटरियां, रिसाइकलर या रिचार्जर के पास जाएंगी। – डॉ. अंकुर कंसल, इनवायरमेंट इंजीनियर, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
बैटरी बनाने और बेचने वालों का पंजीकरण अनिवार्य, देना होगा ईपीआर
RELATED ARTICLES