Friday, November 1, 2024
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अब बैराजों पर सेंसर भांपेगा बाढ़ का खतरा, समय रहते अलर्ट होगा जारी

हल्द्वानी। कुमाऊं के डैम और बैराज में सिंचाई विभाग सेंसर प्रणाली लगाने जा रहा है। ऐसा करने से जहां बाढ़ के खतरे पर नजर रखी जा सकेगी, वहीं हर मौसम में नदियों के व्यवहार का भी पता चलेगा। सेंसर की मदद से मिलने वाले डाटा से भविष्य में बनने वाली योजनाओं को तैयार करने में भी मदद मिलेगी। आईआरआई रुड़की इस काम में सिंचाई विभाग की मदद कर रहा है। सिंचाई विभाग ने गौला बैराज के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है, कोसी बैराज का भी प्रस्ताव जल्द तैयार होने की बात अधिकारी कह रहे हैं।
चार करोड़ से अधिक लागत से होगा कार्य
4.3 करोड़ रुपये की लागत से बैराज में क्षतिग्रस्त दीवारों, सीसी ब्लॉक, लॉचिंग एप्रोन और एनर्जी डेसिपेटर की मरम्मत का कार्य किया जाएगा। 8-10 किमी की दूरी पर बैराज में लगाए जाएंगे सेंसर, कंप्यूटराइज्ड सिस्टम होने से बाढ़ की पूर्व सूचना सिंचाई विभाग को जल्द मिल जाएगी। सेंसर लगने के बाद गौला नदी का जलस्तर बढ़ने की सूचना कंट्रोल रूम को मिलेगी। भूकंप की पूर्व सूचना के लिए सिस्मोलॉजी स्टेशन, ऑटोमैटिक रडार सिस्टम स्थापित किया जाएगा। इसके लिए रुड़की से विशेषज्ञों की टीम गौला बैराज का जल्द ही दौरा करेगी। – केएस बिष्ट, अधिशासी अभियंता
बांध सुरक्षा अधिनियम- 2021 के तहत यह कार्य करने की योजना बनाई गई। इसमें गौला बैराज के लिए साढ़े चार करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया है। अभी तक बाढ़ की सूचना देने के लिए मैन्युअल व्यवस्था है, जल स्तर व्यक्ति देखता और सूचना देता है। – संजय शुक्ल, मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग
सेंसर इस तरह करेगा कार्य
सेंसर ( आटोमैटिक गेज रीडर) हर वक्त बढ़ते जलस्तर को रीड करते रहेंगे। जैसे ही बैराज में बाढ़ का खतरा होगा, सेंसर सूचना तत्काल बैराज में बने कंट्रोल रूम तक पहुंचेंगी, साथ ही सेटेलाइट के जरिये राज्य के मुख्य कंट्रोल रूम (रुड़की) में भी जानकारी पहुंच जाएगी। बीप की तेज आवाज से एक साथ हर जगह सिस्टम हरकत में आ जाएगा।
यह फायदा होगा
सेंसर से जो डेटा मिलेगा, उससे नदियों के वर्ष भर के व्यवहार का पता रहेगा
सेटलाइट के जरिये बैराज से सूचना राज्य के कंट्रोल रूम तक भी पहुंच जाएगी
रिस्पांस करने के लिए समय मिलेगा
भविष्य में नदियों के जल स्तर को देखते हुए योजना बनाने में मदद मिलेगी
यहां पर कार्य प्रस्तावित हैं
गौला बैराज
कोसी बैराज रामनगर
बौर, तुमड़िया, हरिपुरा जलाशय

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