Friday, November 1, 2024
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महिलाओं के स्वरोजगार का जरिया बनीं हर्बल टी

यहां शीतल समूह महिलाओं में स्वावलंबन की शीतलता दे रहा है तो नई किरण भी स्वरोजगार की शानदार उम्मीदों के साथ आगे बढ़ रहा है। स्वरोजगार के लिए शीतल समूह ने जब शुरुआत की तो महज कुछ ही महिलाएं सामने थीं, मगर यह कुनबा अब 30 ग्रुपों में 300 महिलाओं तक पहुंच चुका है। दूसरी ओर नई किरण 11 गांवों की 110 महिलाओं को समूह से जोड़ उन्हें स्वरोजगार की दिशा दिखा रहा है। एक तरफ पहाड़ की महिलाओं में स्वरोजगार का ऐसा जज्बा है तो इन्हीं के बीच वह हिमालय प्रहरी भी हैं जो अपने जज्बे की ऊंचाइयों से एवरेस्ट की चोटी पर पहुंच गईं। अब वह पहाड़ में स्वच्छता की अलख जगाने का काम कर रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस पर महिला स्वावलंबन और जागरूकता को लेकर विशेष रिपोर्ट। भीमताल (नैनीताल)। रामगढ़ ब्लॉक के नथुवाखान में शीतल महिला समूह से जुड़ी महिलाएं पहाड़ की जड़ी बूटियों से हर्बल टी के साथ ही अन्य पहाड़ी उत्पादों से ऑनलाइन और कोरियर के माध्यम से अपने उत्पाद बेचकर अच्छी आय अर्जित कर रही हैं। इसके लिए महिला समूहों को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) की ओर से विशेष सहयोग दिया जा रहा है।
महिला समूह में दस महिलाएं कर रहीं काम
शीतल महिला समूह में अध्यक्ष दीपा लोधियाल के साथ क्षेत्र की दस ग्रामीण महिलाएं हर्बल टी के साथ पहाड़ी उत्पाद तैयार कर रही हैं। समूह में सचिव हेमा देवी, कोषाध्यक्ष चंपा बिष्ट, चंपा देवी, मुन्नी देवी, तारा देवी, देवकी देवी, कलावती देवी, धना बिष्ट, पार्वती देवी और मंजू बिष्ट जुड़ी हैं। पांच समूहों का एक ग्राम संगठन तैयार किया गया है। इसमें 50 महिलाएं और ब्लॉक स्तर पर स्वाभिमान सहकारिता के 30 ग्रुपों में 300 महिलाएं पहाड़ी उत्पादों को तैयार कर स्वरोजगार से जुड़ी हैं।
यह उत्पाद होते हैं तैयार
हिमालयन हर्बल टी, कैमुमाइल टी, नेटल, थाइम, रोजमेरी, सेज, रामा तुलसी, काला जीरा, चिरायता, लेमनग्रास, मकोई, पिपरमेंट, लेमन बाम, इटेलियन बेसिल, स्टीबिया, हर्बल काढ़ा, पहाड़ी दालें, मडुवे का आटा, मक्के का आटा, काले भट्ट का आटा, अचार, जैम, जैली और चटनी।
हर माह एक लाख रुपये तक ब्रिकी
महिलाएं हर माह एक लाख रुपये तक की हर्बल टी और पहाड़ी उत्पादों की ब्रिकी कर रही हैं। इससे महिलाओं को 35 से 40 हजार रुपये तक मुनाफा हो रहा है। महिलाएं ग्रोथ सेंटर, ऑनलाइन और कोरियर के माध्यम से मुंबई, राजस्थान, कोलकाता, लखनऊ, कानपुर, बरेली, देहरादून, हल्द्वानी, रुद्रपुर, पंजाब समेत अन्य शहरों में अपने उत्पादों की ब्रिकी कर रही हैं।
कोट
हमारा समूह हर्बल टी और पहाड़ी उत्पादों के माध्यम से बेहतर कारोबार कर रहा है। इससे ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के साथ उनकी आजीविका भी मजबूत हो रही है। एनआरएलएम की ओर से भी हमें सहयोग दिया जा रहा है। – दीपा लोधियाल, अध्यक्ष शीतल महिला समूह, नथुवाखान

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