हल्द्वानी। पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच हीरानगर परिसर में मंदिर बनाए जाने लेकर विवाद गहरा गया है। निर्माण कार्य पर रोक के बावजूद सोमवार सुबह दूसरे पक्ष की ओर से मंदिर निर्माण कराए जाने का आरोप लगाते हुए उत्थान मंच के पदाधिकारियों ने जुलूस निकाला और सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष विरोध जताया। पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच की ओर से रविवार को पत्रकार वार्ता कर मंदिर परिसर में दूसरे पक्ष की ओर से निर्माण कार्य कराने पर नाराजगी जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी गई थी, लेकिन सोमवार सुबह दूसरे पक्ष की ओर से एक बार फिर मंदिर परिसर में निर्माण कार्य कराने की भनक मिलते ही उत्थान मंच के लोग पहुंच गए। नाराजगी जताते हुए वे जुलूस के रूप में सिटी मजिस्ट्रेट से मिलने जा पहुंचे। उन्होंने डीएम और सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर उत्थान मंच की गरिमा को बचाने की मांग की। उत्थान मंच के पदाधिकारियों का कहना है कि रोक के आदेश के बावजूद दूसरे पक्ष ने मंदिर निर्माण कार्य शुरु करा दिया। बताया कि पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच हीरानगर में कुछ असामाजिक तत्व उत्तरायणी महोत्सव की तैयारियां बाधित करने की साजिश कर रहे हैं।
बताया कि 22 अप्रैल 2006 को प्रदेश के तत्कालीन प्रमुख सचिव एनएस नपच्याल ने पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच हल्द्वानी को धर्मशाला और सांस्कृतिक केंद्र के लिए भूमि आवंटन के संबंध में आदेश पारित किया था। यह भूमि 90 वर्षों के लिए पट्टे पर दी गई थी। यहां पर्वतीय संस्कृति से संबंधित सामाजिक एवं धार्मिक कार्य होते हैं, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व इसे नजरअंदाज कर प्रशासन को गुमराह कर यहां कब्जा जमाने का प्रयास कर रहे हैं। ज्ञापन देने वालों और जुलूस में पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर तिवारी, भुवन जोशी, मुकेश शर्मा, देवेंद्र तोलिया, एनबी गुणवंत, एलडी पांडे के अलावा शोभा बिष्ट, मधु , विमला, त्रिलोक बर्नोली, हुकुम सिंह कुंवर, पृथ्वी पाल सिंह रावत, भुवन जोशी, हेमंत बगड़वाल, सुशील भट्ट, चंद्र शेखर परगाई, राजेंद्र बिष्ट, मोहन पाठक, स्मित तिवारी आदि मौजूद रहे।
डीएम ने एसडीएम को बनाया रिसीवर
हल्द्वानी। पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच की भूमि के स्वामित्व को लेकर मामला शासन तक पहुंच गया है। डीएम ने मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी है और रिपोर्ट आने तक एसडीएम को यहां का रिसीवर नियुक्त कर दिया है। सोमवार को पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच में स्वामित्व को लेकर एक बार फिर मामला सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह के पास पहुंचा। उनकी रिपोर्ट के आधार पर डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि विवादित भूमि का स्वामित्व स्पष्ट किए जाने के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है जिसमें एसडीएम हल्द्वानी, तहसीलदार, फर्म सोसायटी एंड चिट्स के उप निबंधक, नगर आयुक्त और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता को शामिल किया गया है। जिलाधिकारी ने आदेश दिया कि जब तक इस मामले की जांच नहीं हो जाती तब तक पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के रिसीवर एसडीएम मनीष सिंह होंगे
गोलज्यू मंदिर परिसर में दूसरे पक्ष की ओर से निर्माण कराए जाने से विवाद गहराया
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