बागेश्वर। चीन में तबाही मचा रहे कोरोना के नए स्वरूप के देश में आने के बावजूद जागरूकता की कमी दिख रही है। जिले में बूस्टर डोज की कमी बनी है और लोग मास्क का प्रयोग भी नहीं कर रहे हैं। अस्पताल में भी मास्क पहनकर लोग नहीं आ रहे हैं। इस कारण शासन से जारी गाइडलाइन पूरी तरह से बेअसर दिखाई दे रही है। जिले में करीब 65,500 लोगों को ही बूस्टर डोज लगी है। अधिकतर लोगों को कोविशील्ड की बूस्टर डोज लगनी है लेकिन पूरे प्रदेश में इसकी कमी बनी है। जिले में फिलहाल एक स्थायी और एक मोबाइल केंद्र की मदद से कोवैक्सीन की बूस्टर डोज लगाई जा रही है लेकिन इसकी भी कम डोज बची हैं। शासन से दिसंबर में जारी गाइडलाइन का प्रभाव भी नहीं दिख रहा है। सार्वजनिक स्थान पर मास्क पहनने के निर्देशों का असर नहीं हो रहा है। अस्पताल में आने वाले लोग भी बेफिक्र होकर मास्क पहने बिना पहुंच रहे हैं।
जिले में कोवाक्सिन की 150 डोज बची हैं। बस स्टेशन के पास बने स्थायी केंद्र और मोबाइल वैन की मदद से लोगों को बूस्टर डोज लगाई जा रही है। कोविशील्ड की दस हजार डोज की मांग की गई है। – डॉ. प्रमोद जंगपांगी, नोडल अधिकारी कोविड टीकाकरण, जिला बागेश्वर।
जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों और तीमारदारों को लगातार मास्क का प्रयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। सभी लोगों से देश में फैल रहे संक्रमण को देखते हुए सावधानी बरतने की अपील की जा रही है। कोविड जांच के लिए सैंपल भी रोजाना लिए जा रहे हैं। – डॉ. वीके टम्टा, सीएमएस, जिला अस्पताल, बागेश्वर।
बूस्टर डोज मिली नहीं, मास्क का भी नहीं हो रहा प्रयोग
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