भू-धंसाव के संकट का सामना कर रहे जोशीमठ में आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी स्थित नृसिंह मंदिर परिसर में दरारें आ गई हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर में विराजमान रहती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नृसिंह मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन किए और मंदिर परिसर में आ रही दरारों का भी निरीक्षण किया। हालात का जायजा लेने के बाद सीएम ने कहा कि जोशीमठ के धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सबसे पुराने ज्योतिर्मठ की सुरक्षा के लिए सरकार हरसंभव कदम उठाएगी। इस समय हम सबके सामने सबसे पुराने ज्योतिर्मठ को प्राकृतिक आपदा से बचाने की बड़ी चुनौती है। देहरादून पहुंचकर सीएम सीधे सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष गए, जहां उन्होंने अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें जोशीमठ को भूस्खलन व भू-धंसाव क्षेत्र घोषित किया गया।
उन्होंने प्रभावित क्षेत्र में कराए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों के साथ विकास कार्यों की निगरानी और सुनवाई के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शासन स्तर पर और गढ़वाल आयुक्त की अध्यक्षता में स्थानीय स्तर पर उच्च स्तरीय समन्वय समिति बनाने के निर्देश दिए। सचिव सीएम आर मीनाक्षी सुंदर व आयुक्त गढ़वाल मंडल सुशील कुमार जोशीमठ में कैंप करेंगे। आपदा मानकों से हटकर सीएसआर के तहत पीड़ितों की मदद की जाएगी। राहत एवं बचाव कार्यों को तेजी से करने के लिए उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी का गठन होगा।
केंद्रीय संस्थानों से सहयोग की अपील
सीएम ने आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी रुड़की, सीएसआईआर, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की से जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव के कारणों का अध्ययन एवं उपचार के समयबद्ध रिपोर्ट देने का अनुरोध किया।
प्रभावितों को गले लगाया, भावुक हुए सीएम
घरों में पड़ रहीं दरारों और जगह-जगह पानी के रिसने से दहशतजदां प्रभावित परिवारों के बीच पहुंचकर सीएम ने उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने बुजुर्गों को सुना, बच्चों से बात कीं। प्रभावितों को गले लगाकर आश्वस्त किया कि उनके जानमाल की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दौरान भावुक भी हुए। उन्होंने मनोहरबाग, सिंहद्वार, गांधीनगर, नरसिंह मंदिर का स्थलीय निरीक्षण किया।
आरोप-प्रत्यारोप से हटकर मिलकर करें काम
सीएम ने कहा कि संकट की इस घड़ी में आरोप-प्रत्यारोप से हटकर एक साथ मिलकर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने अफसरों को निर्देशित किया कि राहत शिविरों में रहने की समुचित व्यवस्था की जाए। राहत शिविरों में चिकित्सा उपचार की भी सभी सुविधाएं उपलब्ध रहें।
सभी सेक्टर अफसरों की हुई तैनाती : डीएम
चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि सभी सेक्टर अफसरों को तैनात कर दिया गया है। सभी वार्डों में सर्वेक्षण कार्यों को पूरा किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को वैकल्पिक शेल्टर भवनों में शिफ्ट करने और प्रभावितों के लिए सभी व्यवस्थाएं हो रही हैं। प्रभावित परिवारों को ड्राईराशन किट व पके भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे है। तात्कालिक रूप से जरूरी परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।
किराये के मकान के लिए प्रति परिवार 4000 रुपये
जोशीमठ में बेघर हो गए परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर किराये के मकान पर रहने के लिए सरकार छह महीने तक 4,000 रुपये प्रति परिवार देगी। शासन ने मुख्यमंत्री राहत कोष से एक करोड़ रुपये की अग्रिम धनराशि जारी कर दी है। शंकराचार्य की गद्दी स्थल की सामने आई तस्वीरें हर किसी को तकलीफ पहुंचा रही है। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ज्योतिर्मठ भी इसकी चपेट में आ रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास की समुचित व्यवस्था करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष से जमीन धंसने के संकेत मिल रहे थे। लेकिन समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
शंकराचार्य मठ में दरारें, सामने आई ये तस्वीरें दे रही तकलीफ, सीएम बोले-जोशीमठ को बचाएंगे
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