बागेश्वर। सरयू घाटी के फीडर को शामा ग्रिड से जोड़ने के बाद से क्षेत्र के गांवों में बिजली संकट पैदा हो गया है। लोगों को लो वोल्टेज की समस्या से जूझना पड़ रहा है। लघु और कुटीर उद्योग भी प्रभावित हो गए हैं। ग्रामीणों ने सरयू घाटी संघर्ष समिति का गठन कर विभाग से पूर्व की तरह कपकोट ग्रिड से आपूर्ति देने की मांग की। समिति के सदस्यों ने ऊर्जा निगम के खिलाफ नारेबाजी कर आंदोलन की चेेतावनी दी।
मुनार गांव के बहुउद्देश्यीय भवन में रविवार को क्षेत्र के विभिन्न गांवों के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की बैठक हुई। बैठक में बिजली की परेशानी पर चर्चा की गई। ग्रामीणों ने कहा कि छह जनवरी से क्षेत्र की बिजली को कपकोट ग्रिड से हटाकर शामा ग्रिड से जोड़ दिया गया है। शामा ग्रिड पर पहले से ही लोड है। बिचला दानपुर और धरमघर क्षेत्र की आपूर्ति इसी ग्रिड से होती है। ऐसे में क्षेत्र के गांव लो वोल्टेज की परेशानी से जूझ रहे हैं। ग्रामीण तारा सिंह ने बताया कि आटा चक्की भी नहीं चल रही है। अन्य छोटी मशीनों का उपयोग भी नहीं हो पा रहा है। ऐसे में किसान और लघु उद्योग धंधे वाले परेशान हैं। ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र के बिजली फीडर को पूर्ववत करने की मांग पूरी होने तक संघर्ष समिति संघर्ष जारी रखेगी। बैठक में गठित की गई सरयू घाटी संघर्ष समिति में क्षेत्र 17 ग्राम प्रधानों को सदस्य बनाया गया। क्षेत्र पंचायत सदस्य दीपक गस्याल, चरण सिंह, चामू सिंह देवली को संयोजक मनोनीत किया गया।
सरयू घाटी का फीडर शामा से जोड़ने से जोड़ने पर विरोध
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