पंतनगर। गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय में विवेकानंद स्वाध्याय मंडल की ओर से आयोजित 18वें राष्ट्रीय युवा जागृति महोत्सव के तहत अखिल भारतीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। अंग्रेजी भाषा में पहला पुरस्कार लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की विजेता शेखावत ने जीता। पंतनगर विवि की प्रज्ञा भार्गव दूसरे स्थान पर रहीं। हिंदी भाषा में नागपुर विवि के विशाल को पहला और देवी अहिल्या विवि की हर्षिता को दूसरा स्थान हासिल हुआ। देवी अहिल्या विवि ने हिंदी भाषा में, जबकि अंग्रेजी भाषा में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी पहले पायदान पर रहे। ‘21वीं सदी में भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए सशक्त करने में देश का युवा सक्षम है’ विषय पर हुई प्रतियोगिता में 51 प्रतिभागियों ने विषय के पक्ष और 51 ने विपक्ष में बात रखी। इस मौके पर अध्यक्ष डॉ. वीसी ध्यानी, डॉ. अमन कांबोज, डॉ. जेपी जयसवाल, डॉ. केपी रावेरकर, डॉ. एसके गुरु, डॉ. गीता पाठक, डॉ मनीषा रानी व डॉ. आरएन पटेरिया कार्यवाहक कुलपति व कुलसचिव डॉ. एके शुक्ला, भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार गजेंद्र सिंह संधू आदि मौजूद रहे। प्रतियोगिता के निर्णायक विवेक बिसेन, निखिलेश शांडिल्य, शुभेंद्र सत्यदेव, विद्यासागर कापड़ी रहे।
पक्ष में तर्क
प्राचीन भारत के सांस्कृतिक, भौगोलिक, वैज्ञानिक अथवा चिकित्सा की वैश्विक दक्षता को वर्तमान से जोड़ते हुए वर्तमान के आर्थिक, सामाजिक, वैज्ञानिक, चिकित्सीय उपलब्धियां गिनाई।
विपक्ष में तर्क
प्रतिभागियों ने अपराध, अवसाद, बेरोजगार, कृषकों के आत्महत्या जैसे अहम मुद्दों को आंकड़ों के साथ रखा।
भारतीय युवा में हैं अपार क्षमताएं
पंतनगर। मुख्य अतिथि सरदार गजेंद्र सिंह ने युवाओं के प्रतिभा और कौशल की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय युवा में अपार क्षमताएं हैं, आवश्यकता है युवा को सही पथप्रदर्शक की। स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार विवेकानंद को परमहंस ने दिशा दिखाई उसी प्रकार आज के युवाओं की प्रतिभा को उजागर कर सही दिशा देने वाले गुरुओं की जरूरत है। पंतनगर विवि भारत के युवाओं को उनके विचार प्रस्तुत करने के लिए जो मंच दे रहा है वह सराहनीय है।
वाद-विवाद में विजेता और विशाल रहे अव्वल
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