Thursday, October 31, 2024
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बारिश से बढ़ी ठंड, नैनीताल में गिरे हिमकण

नैनीताल/हल्द्वानी। जिले में मंगलवार को दिनभर मौसम का बदलता रहा। सुबह लगा कि बर्फबारी होगी लेकिन लेकिन मामला बूंदाबांदी तक ही सीमित रहा। दोपहर में कुछ देर के लिए मौसम साफ हुआ लेकिन शाम को एक बार फिर से बूंदाबांदी के साथ मल्लीताल क्षेत्र में हिमकण गिरने लगे। बारिश के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मुक्तेश्वर में पारा दो डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर गया है। मौसम विभाग के अनुसार पिथौरागढ़ समेत पर्वतीय जिलों में बर्फबारी की प्रबल संभावना है जबकि मैदानी इलाकों में अगले 24 घंटे में ओलावृष्टि की संभावना है।
नैनीताल और आसपास के क्षेत्रों में सुबह छह बजे और आठ बजे तक हल्की बूंदाबांदी हुई। दोपहर में कुछ देर के लिए धूप निकली लेकिन बाद में फिर आसमान बादलों से घिर गया। शाम छह बजे शहर में फिर बूंदाबांदी हुई। इस दौरान मल्लीताल में कुछ देर के लिए हिमकण भी गिरे। शहर का अधिकतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तो न्यूनतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हल्द्वानी में तड़के तेज हवाएं चलने के साथ कुछ देर हल्की बारिश रही। दिन में हल्की धूप निकली लेकिन शाम को एक बार फिर करीब दस मिनट तक बारिश की मोटी बूंदें गिरीं। बारिश और हवा चलने से अधिकतम तापमान 20.5 और न्यूनतम 13.2 डिग्री सेल्सियस रहा। मुक्तेश्वर में अधिकतम पारा पांच डिग्री नीचे गिरकर आठ डिग्री और न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मुख्य कृषि अधिकारी विकेश यादव ने बताया कि फिलहाल हल्की बारिश से रबी की खेती को फौरी राहत मिली है। खासकर सब्जी फसलों को अब तक हो रहे पाले से नुकसान से राहत मिलेगी।
हल्की बारिश से हैड़ाखान रोड पर फिसलन बढ़ी
हल्द्वानी। बारिश होने से क्षतिग्रस्त काठगोदाम.हैड़ाखान रोड पर फिसलन होने से चालकों को आवाजाही में परेशानी हो रही है। खराब मौसम को देखते हुए लोनिवि के अधिकारियों की चिंताएं बढ़ गई हैं। मंगलवार को लोनिवि प्रांतीय खंड नैनीताल के अधिकारियों ने सड़क की स्थिति पर नजर रखी। बुधवार को अधिकारी स्थलीय निरीक्षण करेंगे। इधरए अधिकारियों ने ग्रामीणों से सावधानी बरतते हुए आवाजाही करने की अपील की है।
किसानों को सता रहा ओलावृष्टि से नुकसान का डर
नैनीताल। मौसम का मिजाज देख आसपास के क्षेत्र में छोटे किसानों की चिंता बढ़ गई है। उनका कहना है कि बारिश से फसलों को भरपूर पानी मिल जाएगा लेकिन अगर ओलावृष्टि हुई तो खेत में फसल को नुकसान हो सकता है। जिससे किसानों को नुकसान झेलना पड़ सकता है। ओलावृष्टि की संभावना को देखते हुए कई किसानों ने फसलों के ऊपर तिरपालए घास डालकर ढक दिया है।
बारिश से सब्जियों को पानी मिल जाएगा लेकिन ओले गिरे तो टमाटरए लाईए मटर की फसल चौपट हो जाएगी। बड़े खेतों में फसलों की सुरक्षा के लिए इंतजाम भी नहीं किया जा सकता। – भूपाल सिंह मेहताए जमीरा
इन दिनों खेतों में गोबी की फसल लगी हुई है। केवल बारिश आने से फसल को राहत मिलेगी लेकिन ओलावृष्टि हुई तो फसल को खासा नुकसान हो सकता है। – तरुण बिष्टए रूसी

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