सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगने से बंद प्लास्टिक विर्निर्माण उद्योगों को सरकार ने नए कारोबार का विकल्प दिया है। इसके लिए सरकार ने ऐसे उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए वैकल्पिक उत्पाद विर्निर्माण नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति में नया प्लांट व मशीनरी लगाने में अचल पूंजी निवेश का 10 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध से प्रदेश में लगभग छह हजार एमएसएमई उद्योग प्रभावित हुए हैं। जो प्लास्टिक विर्निर्माण या पैकेजिंग करते हैं।
सरकार ने इन उद्योगों को प्लास्टिक के विकल्प के रूप में नया कारोबार करने के लिए नीति बनाकर प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है। नीति में वित्तीय प्रोत्साहन उन उद्योगों को मिलेगा, जो सिंगल यूज प्लास्टिक के कारण बंद हुई है या प्रभावित हुई है। ऐसे उद्योगों को नया कारोबार शुरू करने के लिए अचल पूंजी निवेश पर 10 लाख रुपये टॉपअप निवेश प्रोत्साहन सहायता दी जाएगी। इसके अलावा बैंक ऋण पर देय ब्याज पर एमएसएमई नीति में वर्गीकृत श्रेणी के आधार पर एक से दो लाख तक प्रति वर्ष ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा एसजीएसटी में 20 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
औद्योगिक क्षेत्र में प्लाॅट आवंटन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया
सिडकुल व सरकारी औद्योगिक क्षेत्रों में अब उद्योगों को प्लॉट आवंटन की प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी। सरकार ने एकीकृत प्रक्रिया में संशोधन कर मैनुअल व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। आफ लाइन आवेदनों का मामले लंबित होने से सरकार ने यह निर्णय लिया है।
बंद प्लास्टिक उद्योगों के लिए नए कारोबार का विकल्प, जानें नीति को मंजूरी से अब क्या फायदे मिलेंगे
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