Wednesday, October 30, 2024
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बदरीनाथ हाईवे पर बना तीन फीट गहरा गड्ढा, प्रभावितों ने राहत सामग्री लेकर पहुंचे वाहनों को लौटाया

आपदा प्रभावित जोशीमठ में आवासीय क्षेत्रों के साथ उच्च शिक्षा का एकमात्र केंद्र राजकीय महाविद्यालय जोशीमठ के भवन में भी लगातार भूधंसाव हो रहा है। महाविद्यालय प्रबंधन की ओर से खतरे को देखते हुए मुख्य भवन को खाली कराकर टीनशेड में कक्षाएं शिफ्ट की गई हैं, लेकिन वो भी जर्जर हालत में है। बदरीनाथ हाईवे पर शुक्रवार दोपहर मारवाड़ी तिराहे के पास गड्ढा बन गया। यह गड्ढा लगभग तीन फीट गहरा है। इसके कारण आसपास के व्यापारी भयभीत हैं। यहां सीवर का पानी भी गड्ढे से होकर बह रहा है। हालांकि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर सीवर का पानी कहां से आया है।
विज्ञान और कला संकाय के भवनों में भी दरार आई
राजकीय महाविद्यालय जोशीमठ के भवन में दरार आने के बाद इसे असुरक्षित की श्रेणी में रखा गया है। महाविद्यालय के प्रशासनिक भवन सहित विज्ञान और कला संकाय के भवनों में भी दरार आई हैं। यहां लगातार हो रहे भूधंसाव से सुरक्षा दीवार भी क्षतिग्रस्त होने की कगार पर हैं। यहां हाईवे भी लगातार धंस रहा है। हालांकि छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महाविद्यालय प्रबंधन ने अनुसंधान खंड के टीनशेड में शिफ्ट कर पढ़ाई जारी रखी है। हालांकि ये टीनशेड भी इतने पुराने और जर्जर हैं कि वहां भी खतरा कम नहीं है। महाविद्यालय के प्राचार्य विश्वनाथ खाली ने बताया कि जिस प्रकार भूधंसाव बढ़ रहा है, यह परिसर खतरे से खाली नहीं है। प्रशासन से महाविद्यालय शिफ्ट करने की मांग की जा चुकी है। ऊपर से महाविद्यालय ढलान पर बसा है। ऐसे में जमीन धंसने से बड़े हादसे की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। उधर, बदरीनाथ हाईवे पर भूधंसाव भी चिंता का विषय बना हुआ है।
विस्थापन को लेकर जवाब देने लगा आपदा प्रभावितों का सब्र
वहीं भूधंसाव का दंश झेल रहे जोशीमठ में विस्थापन को लेकर आपदा प्रभावितों का सब्र जवाब देने लगा है। शुक्रवार को सिंहधार में आपदा प्रभावितों को राहत सामग्री वितरित करने पहुंचे प्रशासन के दो वाहनों को महिलाओं ने रोक दिया और कर्मचारियों को खरी-खोटी सुनाई। महिलाओं ने कहा कि हमें राहत सामग्री नहीं, बल्कि विस्थापन चाहिए। आक्रोश देखकर कर्मचारी राहत सामग्री बांटे बगैर ही वापस लौट गए। इंटरनेट मीडिया पर इस घटना का वीडियो भी प्रसारित हो रहा है। सिंहधार वार्ड में बीते कुछ दिनों से भूधंसाव तेज हुआ है। अब यहां दरारों से सड़कें भी क्षतिग्रस्त होने लगी हैं। वार्ड को बदरीनाथ हाईवे से जोड़ने वाले मार्ग पर भी कई जगह टाइल उखड़ गई हैं। क्षेत्रवासियों की शिकायत के बावजूद मार्ग को दुरुस्त करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।
अन्य भवनों की डिस्मेंटलिंग पर नहीं हुआ निर्णय
जोशीमठ में होटल माउंट व्यू और मलारी इन की डिस्मेंटलिंग अंतिम चरण में है। भूधंसाव के कारण असुरक्षित हो चुके अन्य होटलों व भवनों के ध्वस्तीकरण को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। भूधंसाव के कारण नगर में होटल स्नोक्रेस्ट और कामेट लाज भी झुके हुए हैं। इसके अलावा कई आवासीय भवन भी तिरछे हो गए हैं। आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने कहा कि किसी अन्य भवन की डिस्मेंटलिंग का आदेश नहीं हुआ है।

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