रुद्रपुर। जिले की 376 ग्राम पंचायतों के सभी गांवों में स्वच्छता अभियान, पेयजल, डस्टबिन वितरण, कंपोस्टिंग पिट आदि कार्यों को प्राथमिकता मिलेगी। इसके लिए 15वें वित्त आयोग का 60 प्रतिशत से भी अधिक अंश खर्च होगा। यह कार्य टाइड श्रेणी के 9,26,67,000 रुपये के बजट से पूरे होंगे। स्वच्छता अभियानों से जुड़े विकास कार्यों के लिए मनरेगा से भी मदद ली जाएगी। इस बार वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली किश्त का बजट 10वें माह में मिलने के कारण जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान ठप हैं। स्वच्छता अभियानों में तेजी लाने के 15वें वित्त आयोग की टाइड श्रेणी का पूरा बजट स्वच्छता, पेयजल योजनाओं पर खर्च किया जाएगा। जिला पंचायत राज अधिकारी रमेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि एक माह पहले 15वें वित्त आयोग की पहली छमाही किश्त के रूप में 15,39,96,000 रुपये मिले थे। इसमें टाइड श्रेणी में 9,26,67,000 रुपये और अनटाइड श्रेणी में 6,13,29,000 रुपये का बजट शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान पर विशेष फोकस किया जा रहा है। इस कारण टाइड श्रेणी का पूरा बजट इसी कार्य में खर्च किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो अनटाइड श्रेणी से भी कुछ बजट स्वच्छता अभियानों पर खर्च किया जाएगा। गांवों में मनरेगा से भी गीले कूड़े के लिए कंपोस्टिंग पिट बनवाए जाएंगे। स्वजल परियोजना के तहत के संचालित स्वच्छ भारत अभियान ग्रामीण के लिए बजट दिया जाएगा।
गांवों की स्वच्छता में खर्च होगा 15वें वित्त का 60 फीसदी अंश
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