इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स सभागार में नौवहन संचालन में पर्यावरण, सामाजिक और शासन विधि पर दो दिवसीय अखिल भारतीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें विशेषज्ञों ने समुद्री साइबर अपराध, समुद्री यात्रा, कृतिम टापू निर्माण, समुद्री यात्रा में सुरक्षा समेत तमाम अहम मुद्दों पर चर्चा की। सेमिनार का उद्घाटन करते हुए नौसेना आयुद्ध के सेवानिवृत्त महानिदेशक एवं ब्रह्ममोस परियोजना के पूर्व महाप्रबंधक रियर एडमिरल ओपीएस राणा ने कहा कि पिछले कई दशकों के बीच नौवहन परिवहन में तमाम चुनौतियां सामने आई हैं। उन्होंने नौवहन संचालन में पर्यावरण, सामाजिक और शासन स्तर पर संगोष्ठी की महत्ता को बताते हुए इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के प्रयासों की भी सराहना की। सेमिनार में डा. प्रशांत अग्रवाल ने दुनिया के तमाम देशों की ओर से कृत्रिम टापू निर्माण और उससे पैदा होने वाली चुनौतियां पर विस्तार से जानकारी दी। वहीं विशेषज्ञ अनुराग तिवारी ने समुद्री यात्रा अनुकूलन, अविनाश वाजे ने समुद्री साइबर जोखिम प्रबंधन और इंजीनियर प्रणित मेहता ने समुद्री यात्रा में सुरक्षा पर विस्तार से जानकारी दी।
सेमिनार में ब्लू वाटर ट्रेड विंड देहरादून, जेएमडीआई एकेडेमी, वेरिफेबिया शिपिंग, चंडीगढ़, आईडीटी, ओएनजीसी के विशेषज्ञों ने तमाम जानकारियां सांझा कीं। इस मौके पर इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के मरीन इंजीनियरिंग डिवीजन बोर्ड के अध्यक्ष डा. भास्कर भंडारकर, संयोजक अमित सिंह, नरेंद्र कुमार यादव, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स देहरादून के अध्यक्ष धर्मचंद्र, जेपी तोमर, सीपी शर्मा, एससी गोयल, कृष्ण कुमार, एसपी सिंह, पवन गोयल, डीसी गुप्ता, अनिल सचान, एसबी उनियाल, वाईसी वर्मा, सचिव सतीश चंद्र चौहान आदि मौजूद रहे। सेमिनार की अध्यक्षता इंजीनियर नरेंद्र सिंह ने की।
समुद्री साइबर अपराधों, समुद्री नौवहन की बारीकियों से रूबरू हुए इंजीनियर
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