राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र से बाघ (टाइगर) के बाद अब हाथियों का एक झुंड हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नाहन वन क्षेत्र में पहुंचा है। हाथियों के झुंड ने वहां वन सीमा से लगे आबादी क्षेत्रों में फसलों को नुकसान पहुंचाया है। राजाजी पार्क प्रशासन ने हाथियों की इस लंबी दूरी के मूवमेंट को अच्छा संकेत बताया है, लेकिन हिमाचल की ओर से अधिकारिक सूचना दिए जाने से इनकार किया है। उत्तराखंड में राजाजी टाइगर रिजर्व की सीमा से हिमाचल प्रदेश के सिंबलबाड़ा में कर्नल शेर जंग नेशनल पार्क की सीमा मिलती है। यहां हाथियों का पुराना गलियारा है। राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र से निकलकर पहले भी हाथी जाते रहे हैं। इस बार हाथियों का एक झुंड नाहन से करीब 10 से 12 किमी दूर कटासन के नजदीक उत्तमवाला, बड़ाबन, बोहलिया ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचा है। यहां हाथियों की ओर से किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाए जाने की सूचना है। बताया जा रहा है कि इसी गलियारे से बीते माह राजाजी से एक बाघ हिमाचल पहुंचा था। इस संबंध में राजाजी पार्क प्रशासन ने अधिकारिक सूचना होने से इनकार किया है, जबकि हिमाचल वन विभाग की ओर से हाथियों के झुंड के पहुंचने की पुुष्टि की गई है।
वन विभाग ने दी है हिमाचल के वन कर्मियों को ट्रेनिंग
राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि बीते वर्ष सितंबर में भी राजाजी से निकलकर हाथियों का एक झुंड सिरमौर जिले में पहुंचा था। तब वहां के वन विभाग ने इसकी अधिकारिक सूचना दी थी। 27 सितंबर 2022 को यहां से एक टीम ने हिमाचल पहुंचकर वहां के वनकर्मियों को हाथियों से संबंधित ट्रेनिंग दी थी। उन्होंने बताया कि इस बार विभिन्न माध्यमों से पार्क के हाथियों के वहां पहुंचने की सूचना मिली है, लेकिन अधिकारिक सूचना नहीं है। उन्होंने हाथियों के लंबी दूरी के मूवमेंट को अच्छा संकेत बताया है। वहीं डीएफओ पांवटा साहिब ऐश्वर्य राज ने इस मूवमेंट की पुष्टि की है।
यमुना का जलस्तर कम होने पर जाते हैं हाथी
उत्तराखंड की सीमा से लगते पांवटा साहिब में यमुना नदी का जलस्तर कम होने पर हाथी नदी पार कर हिमाचल की सीमा में पहुंचते हैं। इसी दौरान उन्हें वहां गन्ने की फसल आकर्षित करती है। यमुना नदी से लगते बातामंडी, बहराल, कौंच वैली और सतीवाला क्षेत्र में पहले भी हाथी आते-जाते रहे हैं।
बाघ की निगरानी के लिए लगाए हैं कैमरे
बीते माह 19 फरवरी को राजाजी टाइगर रिजर्व से निकलकर छह वर्षीय बाघ हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के सिंबलबाड़ा राष्ट्रीय उद्यान में पहुंच गया था। बीते दो दशकों में बाघ के करीब 120 किमी की दूरी तय कर दूसरे क्षेत्र में पहुंचने की यह पहली घटना थी। राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि हिमाचल वन विभाग बाघ के मूवमेंट पर लगातार नजर बनाए हुए है, वह पूरी तरह से स्वस्थ है। वन विभाग भी बराबर बाघ की जानकारी ले रहा है। शुरुआत में बाघ के पदचिह्न मिलने पर उत्तराखंड वन विभाग ने ही वहां तीन कैमरा ट्रैप लगाए थे। इसके बाद बाघ की निगरानी के लिए हिमाचल वन विभाग की ओर से भी कुछ और कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं।
बाघ के बाद अब राजाजी के हाथी भी पहुंचे हिमाचल, लंबी दूरी का मूवमेंट अच्छा संकेत
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