Friday, November 1, 2024
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40 साल पुराना बाजार, साढ़े चार घंटे में हुआ साफ

रुद्रपुर। एनएच-87 किनारे 40 साल से गुलजार रहा बाजार साढ़े चार घंटे में ही साफ हो गया। पुलिस प्रशासन, नगर निगम और एनएचआई की टीम ने आठ जेसीबी और पोकलैंड की मदद से 130 दुुकानों को ध्वस्त तो किया ही बचा हुआ कबाड़ भी जब्त कर लिया। प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से पूर्व बृहस्पतिवार रात इलाके में धारा 144 लगा दी थी। कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। शुक्रवार की सुबह सात बजे से ही एनएच-87 में डीडी चौक से लेकर इंदिरा चौक तक भारी पुलिस फोर्स तैनात हो गया। प्रशासन ने हाईवे से 22 मीटर की जद में आने वालीं दुकानों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करते हुए सबसे पहले राम मनोहर लोहिया मार्केट स्थित डीडी चौक से जनरल स्टोर, खाने के ढाबों को ध्वस्त किया गया। फिर बाइक रिपेयरिंग, कपड़ों की दुकान से लेकर मोबाइल की दुकानों पर जेसीबी चली। मुख्य बाजार के चौराहे के पास एसएसपी मंजूनाथ टीसी की मौजूदगी में एनएचएआई की टीम ने नापजोख की। गोल मार्केट के चौराहे पर अतिक्रमण ध्वस्त करने के दौरान मौके पर पहुंचे कुछ लोगों ने चार दुकानों को फ्रीहोल्ड भूमि में होने की बात कहकर एसडीएम प्रत्यूष सिंह से नोकझोंक की। कुछ देर अतिक्रमण रुकने के बाद दुकानों के कागजों के साथ ही ऑनलाइन जांच की गई लेकिन ऐसा कुछ सामने नहीं आया। जिला प्रशासन की टीम ने चारों दुकानों पर जेसीबी चला दी। इसके बाद कुछ लोगों ने दुकानें न तोड़ने की एसडीएम से सिफारिश की, लेकिन अतिक्रमणकारियों की सिफारिशें कोई भी काम नहीं आईं।
अपनी दुकानों को निहारते रहे व्यापारी
रुद्रपुर। कार्रवाई की आशंका से व्यापारियों ने बृहस्पतिवार रात ही दुकानों से सामान समेट लिया था। सुबह टिनशेड की दुकानें टूटने पर दोपहर बाद व्यापारियों ने अपना बचा-खुचा सामान इकट्ठा किया। व्यापारी आसपास खड़े होकर अपनी टूटी दुकानों को एकटक देखते रहे। एक महिला अपनी दुकान को टूटते देख सुबकने लगी तो महिला पुलिस कर्मियों ने उनको जीरो जोन से बाहर कर दिया। प्रशासन की कार्रवाई पूरी होने के बाद सड़क से ही गांधी पार्क का नजारा साफ दिखाई देने लगा।
अतिक्रमण की जद में आ रहे नगर निगम व बीएसएनएल का कुछ हिस्सा भी टूटेगा
रुद्रपुर। एनएचएआई की परियोजना प्रबंधक मीनू ने बताया कि हाईवे किनारे एनएच की जद में आ रहे नगर निगम और बीएसएनएल परिसर का कुछ हिस्सा भी टूटेगा। बताया कि वर्ष 2018 में लोनिवि से एनएच को हाईवे का अधिग्रहण मिलने पर हाईवे किनारे की भूमि केंद्र सरकार की हो गई है। इसके बाद कई बार अतिक्रमण हटाने की कोशिश की गई। कई बार दुकानदारों को दुकानें खाली करने के नोटिस दिए गए लेकिन व्यापारी अपने जिद में अड़े रहे। बताया कि डिवाइडर से हाईवे को 10-10 मीटर चौड़ा किया जाएगा।
130 दुकानें टूटने से 1000 लोग हुए बेरोजगार
रुद्रपुर। राम मनोहर लोहिया मार्केट के साथ ही मछली बाजार तक दुकानें टूटने से व्यापारियों की रोजी-रोटी के साथ ही करीब एक हजार लोगों का रोजगार छिन गया। यह लोग हाईवे किनारे बनें ढाबे, रेस्टोरेंट, कपड़ों की दुकानें, वाहन रिपेयरिंग की दुकानें व मोबाइल की दुकानों पर काम करते थे। दुकानें टूटने से एक हजार लोग बेरोजगार हो गए हैं। संवाद
मुख्य बाजार में दोपहर 12 बजे तक बंद रही दुकानें
रुद्रपुर। हाईवे किनारे अतिक्रमण टूटने से शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक मुख्य बाजार की दुकानें बंद रहीं। जीरो जोन होने से बाजार को बैरिकेडिंग से बंद कर दिया गया है। ऐसे में मुख्य बाजार की सड़कों में सन्नाटा पसरा रहा। व्यापारियों ने दोपहर 12 बजे के बाद दुकानें खोलनी शुरू की। उसके बाद बाजार में ग्राहकों की थोड़ी चहल पहल शुरू हुई।
व्यापारियों का 324 एमएल खून बर्बाद, आज लिखने वाले थे सीएम को पत्र
रुद्रपुर। 108 व्यापारियों ने बृहस्पतिवार को सीएम को पत्र लिखने के लिए तीन-तीन एमएल खून निकलवाया था। व्यापारी नेता संजय जुनेजा का कहना है कि किसी दुकान के फ्रिज में खून को स्टोर किया गया था लेकिन दुकानें टूटने के बाद खून का पता ही नहीं चला। दुकानें टूटने की खबर सुनकर काफी दुख हुआ। मेरा रोष उन व्यापारी नेताओं पर भी है जो पिछले एक सप्ताह से व्यापारियों को गुमराह कर रहे हैं। विधायक व मेयर ने काफी प्रयास किए, लेकिन खुद व्यापारियों ने घोषणा कर दी कि उन्हें कोई जगह नहीं चाहिए। -गुरमीत सिंह, जिलाध्यक्ष, देवभूमि व्यापार मंडल।
वर्षों से यह लोग हाईवे किनारे दुकान लगाए हुए थे। दुकानें टूटने पर बेहद दुख हुआ, जिला प्रशासन की ओर से इन लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए। इन लोगों के भी घर-परिवार है। दुकान तोड़ने से पहले ही इन लोगों को कहीं दूसरी जगह बसा देना चाहिए था। – मनोज मित्तल, व्यापारी
हाईवे किनारे मेरी सेल्स की दुकान थी। करीब 30 सालों से मैं यहां स्वरोजगार कर रहा था। जिला प्रशासन की ओर से कोई दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था भी करनी चाहिए। अगर जिला प्रशासन चाहे तो हमसे कुछ रुपये ले लें। लेकिन हमें कोई दूसरी जगह बसा देना चाहिए। -नरेंद्र नारंग, व्यापारी
कुछ मिनटों में ही 125 दुकानों को ध्वस्त कर दिया। जिला प्रशासन या कोई भी अधिकारी यह नहीं बता रहा हम कहां जाएं। पहली बार ऐसा लगा की शहर में कर्फ्यू लग गया हो। रात से सामान हटाने में लग गए थे। ऐसा कैसा जी-20 सम्मेलन जिसमें व्यापारियों को उजाड़ दिया गया। – आशु ग्रोवर, अध्यक्ष, राम मनोहर लोहिया मार्केट।

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