Wednesday, December 25, 2024
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तराई की धरोहरों पर शोध कराएगा रुद्रपुर डिग्री कॉलेज

रुद्रपुर। सरदार भगत सिंह डिग्री कॉलेज अब तराई की धरोहरों, लोक संस्कृति, औषधियों, नदियों, कृषि, जनजातियों, पर्यावरण आदि पर शोध कराएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री नवाचार योजना के तहत कॉलेज में सी-ट्रेड (सेंटर फॉर तराई रिसर्च एजुकेशन एंड डेवलेपमेंट) स्थापित किया गया है। कॉलेज के प्राध्यापक शोध करने के बाद इसे सी-ट्रेड कार्यालय में उपलब्ध कराएंगे। तराई पर शोध करने वाले कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ ही देश और विश्व के शोधार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। ऊधम सिंह नगर जिले का पूरा क्षेत्र तराई में आता है। वर्ष 1995 में भाबर क्षेत्र में पड़ने वाले नैनीताल जिले से कटकर बने इस जिले की कृषि के क्षेत्र में विशेष पहचान है, इसे धान का कटोरा भी कहा जाता है। यहां निवास करने वाली बोक्सा, थारू आदि जनजातियों का इतिहास रहा है। इसके अलावा काशीपुर में द्रोणसागर, रुद्रपुर में अटरिया मंदिर का भी प्राचीन महत्व है। वर्ष 2003 में रुद्रपुर में सिडकुल की स्थापना के बाद इसे औद्योगिक नगरी के रूप में पहचाना जाने लगा है। प्रसिद्ध शारदा नदी भी इस जिले के खटीमा में बहती है।
तराई पर शोध कराने वाला पहला कॉलेज
रुद्रपुर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केके पांडेय बताते हैं कि अपनी विविधताओं के कारण शुरू से ही तराई देश ही विदेशों के शोधार्थियों की जिज्ञासा का विषय बना हुआ है। इसको देखते हुए कॉलेज में मुख्यमंत्री नवाचार योजना के तहत सी-ट्रेड की स्थापना की गई है। तराई पर शोध कराने वाला उत्तराखंड का यह पहला कॉलेज है। उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे इसे संग्रहालय व तराई पर एक विशाल लाइब्रेरी के रूप में स्थापित किया जाएगा, ताकि कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ ही देश-विदेश से आने वाले शोधार्थियों को भी इसका लाभ मिल सके। यह रिसोर्स सेंटर की भांति भी कार्य करेगा।
सभी प्राध्यापकों को गई है जिम्मेदारी
रुद्रपुर। सरदार भगत सिंह डिग्री कॉलेज में तराई से संबंधित शोधों के लिए प्राध्यापकों को विषय के अनुसार जिम्मेदारी मिली है। कॉलेज के प्राध्यापक भी अपनी रुचि के अनुसार विभिन्न विषयों पर शोध कर रहे हैं। भूगोल विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. कमला बोरा तराई की नदियों पर शोध कर रही हैं। इसी तरह जनजातियों पर शोध का कार्य समाजशास्त्र व औषधियों पर वनस्पति विज्ञान के प्राध्यापक कर रहे हैं। जैसे शोध कार्यों की संख्या बढ़ेगी सी-ट्रेड की अपनी वेबसाइट भी बनाई जाएगी।

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