ऋषिकेश क्षेत्र में सिटी बस के संचालन के लिए फिलहाल रोडवेज के पास कोई प्रस्ताव नहीं आया है। सिटी बस के विकल्प के रूप में शहर में ऑटो विक्रम और ई-रिक्शा का संचालन हो रहा है। देहरादून से रोडवेज की जो बस आती है, उसे एम्स तक भेजा जाता है। -अनुराग पुरोहित, यातायात अधीक्षक ऋषिकेश रोडवेज डिपो
योगनगरी के रूप में विश्वविख्यात ऋषिकेश में अब तक सिटी बस सेवा शुरू नहीं हो पाई है। स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए क्षेत्र में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए ऑटो और विक्रम ही एकमात्र विकल्प है। कई बार लोगों को ऑटो और विक्रम से ही कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। ऑटो और विक्रम के महंगे सफर की मार सीधा आम आदमी और पर्यटकों की जेब पर पड़ती है।
ऋषिकेश को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के तमाम दावे किए जाते हैं, लेकिन आलम यह है कि क्षेत्र में सार्वजनिक वाहनों से सफर करने वाले लोगों को अब भी ऑटो और विक्रम का सहारा लेना पड़ता है। पिछले कुछ सालों में ई-रिक्शा का संचालन भी बढ़ गया है। ई-रिक्शा की भरमार के बावजूद लंबी दूरी तय करने के लिए ऑटो और विक्रम को ही बेहतर विकल्प के तौर पर देखा जाता है। ऑटो और विक्रम से सफर के दौरान लोगों को समय और पैसे की बर्बादी की दोहरी मार झेलनी पड़ती है। रूट तय होने के चलते कई बार लोगों को दो तीन ऑटो या विक्रम भी बदलने पड़ते हैं। अगर आपात स्थिति में कहीं जाना है तो लोगों के पास ऑटो व विक्रम की बुकिंग करना विकल्प होते हैं। हैरानी की बात है कि एक लाख से अधिक की आबादी वाले शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कभी सिटी बस के संचालन की योजना तैयार नहीं की गई। स्थानीय निवासी लक्ष्मी पाल, सुरेंद्र, अजय कटारिया, राजीव आहूजा, लतिका तिवारी और पिंकी सिंह ने बताया कि शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में सिटी बस के संचालन की बहुत जरूरत है। देहरादून की तर्ज पर ऋषिकेश में सिटी बस सेवा शुरू होनी चाहिए। इससे कामकाजी, छात्रों, तहसील मुख्यालय और एम्स आने वाले लोगों को काफी राहत मिलेगी।