रुद्रपुर। अभिभावकों की जेब काट रही निजी प्रकाशकों की महंगी रिफरेंस पुस्तकों को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपना लिया है। बृहस्पतिवार को सीईओ रमेश चंद्र आर्या ने जिलेभर के सभी निजी स्कूल संचालकों से अपने-अपने स्कूलों में चल रहीं रिफरेंस पुस्तकों की सूची तीन दिन के भीतर उपलब्ध कराने के सख्त निर्देश दिए। श्रीगुरुनानक बालिका इंटर कॉलेज में निजी स्कूलों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों के साथ आयोजित बैठक में सीईओ आर्या ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि नोटिस देने के बावजूद निजी संचालक मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। अधिकतर विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकों के साथ निजी प्रकाशकों की महंगी रिफरेंस पुस्तकें लगाकर अभिभावकों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। इससे खटीमा से लेकर जसपुर तक अभिभावक आक्रोशित हैं।
एनसीईआरटी के बराबर होने चाहिए दाम
सीईओ ने कहा कि निजी प्रकाशकों की पुस्तकें यदि रिफरेंस के रूप में लगाई भी जाती हैं तो उनका मूल्य एनसीईआरटी की पुस्तकों के बराबर होना चाहिए। सीईओ ने सभी निजी स्कूल संचालकों से तीन दिन के भीतर रिफरेंस पुस्तकों की सूची उपलब्ध कराने को कहा। इन पुस्तकों के मूल्य का एनसीईआरटी की पुस्तकों से मिलान किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इसके बावजूद निजी स्कूल संचालक नहीं माने तो सख्त कार्रवाई के लिए तैयार करें। वहां पर बीईओ डॉ. राजेंद्र सिंह, उप शिक्षा अधिकारी डॉ. गुजन अमरोही आदि थे।
शिक्षा को व्यवसाय बना दिया गया
रुद्रपुर। सीईओ रमेश चंद्र आर्या ने कहा कि निजी स्कूल संचालक चाहे सीबीएसई बोर्ड के हों अथवा हिंदी माध्यम के अधिकतर ने शिक्षा को व्यवसाय बना रखा है। स्कूलों के बच्चों के लिए ड्रेस, पुस्तकें और बैग खरीदने का ठेका निश्चित दुकानदारों को दिया जा रहा है, जहां से उनका मोटा कमीशन बंधा हुआ है। इसकी जांच की जाएगी। सीईओ ने कहा कि बच्चों के बैग का वजन जबरन बढ़ाया जा रहा है। इस वजन को कम करने के लिए शीघ्र ही रणनीति बनाई जाएगी।
निजी स्कूल संचालकों से मांगी रिफरेंस पुस्तकों की सूची
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