बागेश्वर। नगर में कई जगह कूड़ा बिखरा रहने से नगरपालिका की सफाई व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। नदी के तट पर भी कूड़े के ढेर लगे हैं। जहां कूड़ेदान लगे भी हैं तो कूड़ा सड़क पर बिखरा रहता है। बागेश्वर में सफाई व्यवस्था की मानीटरिंग नहीं हो रही है। सरयू नदी में खुलेआम कूड़ा डाला जा रहा है। नगरपालिका ने नदी किनारे कूड़ा डालने पर जुर्माने के साथ ही सजा का नोटिस बोर्ड लगा रखा है। यानि कि नोटिस बोर्ड लगाने से आगे नगरपालिका की कार्यवाही नहीं बढ़ रही है। इसकी बानगी कठायततबाड़ा में सरयू तट पर देखी जा सकती है। नमामि गंगा अभियान संचालित होेने के बाद ऐसा हाल है। इससे सरकारी मशीनरी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। नगर में कूड़ेदानों के बाहर कूड़ा बिखरे रहना आम है। कूड़ेदानों से बाहर बिखरा कूड़ा नगर की सुंदरता को दाग लगा रहा है। बिखरे कूड़े के ढेर पर लावारिस जानवरों का जमावड़ा लगा रहता है। कूड़े की वजह से सैलानियों में गलत संदेश जा रहा है। पालिका के अधिकारी नगर के कूड़े के निस्तारण पर खर्च होने वाले लाखों की रकम का सदुपयोग नहीं कर रहे हैं।
ईओ को चेतावनी बोर्ड, गंदगी का पता नहीं
बागेश्वर। सरयू नदी में कहां पर कूड़ा डालने पर जुर्माना संबंधी चेतावनी बोर्ड लगे हैं। नदी किनारे कहां पर कूड़े का ढेर लगा है, इसका पता नगरपालिका के ईओ सतीश कुमार पंवार को नहीं है। उनसे नदी में बिखरे कूड़े पास में लगे चेतावनी बोर्ड के बारे में पूछा गया तो वह उल्टा पूछने लगे कहां पर लगा है चेतावनी बोर्ड। ईओ का कहना है कि लोग कूड़ा फेंकने से बाज नहीं आ रहे हैं। दो बार सफाई कराई जाती है। कहते हैं कि सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। कूड़ा फेंकने वालों को चिह्नित किया जाएगा। संवाद
डीएम की कार्रवाई पर टिकी नजर
बागेश्वर। बीते 22 अप्रैल को अमर उजाला ने जहां लगा चेतावनी बोर्ड वहीं डाल रहे कूड़ा शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। नदी में कूड़ा डालने और नगरपालिका चेतावनी बोर्ड लगाने तक सीमित होने की बात डीएम अनुराधा पाल के संज्ञान में लाई गई थी तो डीएम ने मामले की जांच और आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही थी। डीएम के स्तर से क्या कार्रवाई होती है, यह देखना होगा।
नदी, सड़क हर तरफ कूड़ा, पालिका उदासीन
RELATED ARTICLES