पिछले साल नवंबर महीने में जब Paytm का इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लॉन्च हुआ तो रिटेल निवेशकों को कमाई की बड़ी उम्मीद थी। जिन रिटेल निवेशकों को आईपीओ अलॉट हुआ उन्हें लिस्टिंग के दिन ही झटका लग गया।
इश्यू प्राइस से काफी नीचे: यही नहीं, करीब 3 माह बाद भी अब तक Paytm का शेयर भाव अपने इश्यू प्राइस के स्तर पर नहीं जा सका है। अहम बात है कि इश्यू प्राइस के स्तर पर जाने की निवेशकों की उम्मीद हर दिन टूट ही रही है। शेयर बाजार में पेटीएम का स्टॉक प्राइस 840.05 रुपए के स्तर तक जा चुका है। कंपनी के स्टॉक का ये ऑल टाइम लो लेवल है। वहीं, इश्यू प्राइस से देखें तो करीब 58 फीसदी तक का नुकसान हुआ चुका है।
बड़े निवेशकों को भी हुआ है नुकसान: हालांकि, सिर्फ रिटेल निवेशक ही नहीं बल्कि वॉरेन बफेट के बर्कशायर हैथवे जैसे वैश्विक मार्की निवेशकों ने भी पेटीएम में दांव लगाया था और वह भारी नुकसान झेल रहे हैं। पेटीएम के रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस पर गौर करें तो वॉरने बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे ने पेटीएम के स्टॉक 1,279.7 रुपये के भाव पर खरीदे थे। अब जब पेटीएम का शेयर भाव ऑल टाइम लो पर है तो ऐसे में ये करीब 35 फीसदी का नुकसान दर्शाता है। आपको बता दें कि करीब 4 साल पहले बर्कशायर ने पेटीएम में 2,179 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इस बदले पेटीएम में 2.6 फीसदी हिस्सेदारी मिली थी। वहीं, 31 दिसंबर, 2021 तक पेटीएम में बफे की निवेश कंपनी की 2.41 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं, Antfin (नीदरलैंड) होल्डिंग BV और SVF Panther (Cayman)जैसे विदेशी निवेशकों ने भी पेटीएम में दांव लगाया था। ऐसे निवेशकों को करीब 55 फीसदी नुकसान हुआ है। बता दें कि इन कंपनियो में 1,835 रुपये प्रति शेयर के भाव पर पेटीएम के स्टॉक खरीदे थे।
Paytm के टूटने का सिलसिला बरकरार, रिटेल ही नहीं, वॉरेन बफे जैसे निवेशकों को भी नुकसान
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