पोलिंग पार्टी सीमांत उत्तरकाशी जिले के सुविधाविहीन सुदूरवर्ती गांवों में मतदान कराकर मंगलवार देर रात वापस लौट आईं। इस अल्प प्रवास के दौरान मतदान कर्मियों ने पहाड़ के इन गांवों में लोक जीवन की विकटता एवं विवशता को बेहद ही करीब से जाना। कुछ पोलिंग पार्टियों को पीने के पानी का इंतजाम बर्फ पिघलाकर करना पड़ा। वहीं, लिवाड़ी गांव गई पोलिंग पार्टी को तो मतदान केंद्र में शौचालय न होने के कारण खुले में शौच को विवश होना पड़ा। पुरोला विधानसभा क्षेत्र के लिवाड़ी स्थित पोलिंग बूथ से मतदान कराकर लौटे अरविंद कुमार नौटियाल कहते हैं, लिवाड़ी गांव अभी सड़क से नहीं जुड़ा है। इसलिए उनकी टीम 12 फरवरी को सुबह आठ बजे जखोल से लिवाड़ी के लिए रवाना हो गई थी। बर्फ में करीब 14 किमी पैदल चलकर टीम शाम सात बजे प्राथमिक विद्यालय लिवाड़ी पहुंची। लेकिन, वहां सबसे अधिक परेशानी शौचालय न होने से हुई। बताया कि विद्यालय परिसर में शौचालय के लिए गड्ढा तो तैयार है, लेकिन शौचालय नहीं बना है। ऐसे में टीम के सदस्यों को चार दिन खुले में शौच के लिए विवश होना पड़ा। विद्यालय में किचन भी नहीं है, सो भोजन माता को खुले में ही भोजन बनाना पड़ा।
उत्तरकाशी में पाषाण युग में जीने को मजबूर सुदूरवर्ती गांवों के लोग
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