उत्तराखंड के 50 फीसदी सरकारी माध्यमिक स्कूलों में सामान्य विषयों की पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार से जुड़े पाठ्यक्रमों की पढ़ाई भी होगी। 2300 स्कूलों में से 1150 में अगले पांच साल के भीतर वोकेशनल कोर्स शुरू करने का निर्णय किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्किल इंडिया अभियान के तहत समग्र शिक्षा अभियान में यह शुरुआत की जा रही है।स्कूली छात्रों को नवीं कक्षा से 12 वीं कक्षा तक उनकी पसंद के किसी ट्रेड में तकनीकी रूप से दक्ष बनाया जाएगा। एपीडी-एसएसए डॉ. मुकुल कुमार सती के अनुसार रोजगार का पाठ्यक्रम रामनगर बोर्ड और आईटीआई से मान्य होगा। यह प्रावधान किया जा चुका है। स्कूलों में रोजगार की पढाई कार्यक्रम के तहत राज्य के 200 स्कूल पहले चरण में चिह्नित हो चुके हैं। अब बाकी 950 स्कूलों को पांच साल में सिलसिलेवार इसके दायरे में लाया जाएगा।
आठ ट्रेड हैं राज्य में चिह्नित
राज्य में ऑटोमोबाइल, आईटी, नर्सिंग, ब्यूटी पार्लर, रिटेल सर्विस, होस्पिटेबिलिटी समेत आठ ट्रेड को हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के पाठ्यक्रम में शामिल किया जा चुका है। इन्हें एक अतिरिक्त विषय के रूप में रखा गया है। इच्छुक छात्र इनका चयन कर सकते हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी स्कूलों में रोजगारपरक शिक्षा पर जोर दिया गया है। इसके तहत अगले चार साल में 50 प्रतिशत स्कूलों को जोड़ा जाएगा। – डॉ. मुकुल कुमार सती, एपीडी-एसएसए
छात्रों के पढ़ाई के साथ रोजगार के मिलेंगे टिप्स, आईटी-ऑटोमोबाइल सहित इन ट्रेड का भी कर सकेंगे अध्ययन
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