उच्च हिमालयी माइग्रेशन गांव बिजली की रोशनी से जगमग होंगे। इसकी कवायद शुरू हो गई है। बिजली पहुंचने से 5 हजार की आबादी को लाभ मिलेगा। उच्च हिमालयी 8 से 10 हजार फीट तक की ऊंचाई पर बसे माइग्रेशन गांवों के ग्रामीण सीमा के असल प्रहरी के रूप में जाने जाते हैं। लेकिन सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के माइग्रेशन गांवों के ग्रामीण बिजली न होने से हर बार खासी मुश्किल झेलते हैं। इस परेशानी को देखते हुए इन गांवों को बिजली से रोशन करने की कवायद शुरू हुई है। यह कदम आईटीबीपी की तरफ से बढ़ाया गया है। पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भारत-चीन सीमा पर स्थित रेलकोट, बुगड़यिार, दुंग चौकियों तक बिजली पहुंचाने का प्रस्ताव सेना की तरफ दिया गया है। लेकिन इसका लाभ यहां स्थित 13 माइग्रेशन गांवों के 5 हजार से अधिक ग्रामीणों को भी मिलेगा। ग्रिड से यहां पहुंचने वाली बिजली से सेना की चौकियों के साथ ही माइग्रेशन गांव भी रोशन करने की योजना है। 6 माह तक सीमा के अवैतनिक प्रहरी के रूप में तैनात रहते हैं।
भारत-चीन बॉर्डर पर अब उत्तराखंड में माइग्रेशन गांव बिजली से होंगे जगमग
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