दून का ऐतिहासिक श्री झंडे जी का मेला 22 मार्च से शुरू होगा। श्री झंडे जी के आरोहण के साथ ही इस बार दो साल के अंतराल के बाद मेला भी लगेगा। आयोजन की तैयारियों को लेकर सोमवार को श्री दरबार साहिब प्रबन्धन की बैठक आयोजित हुई।
श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने समिति के सभी पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं करने को कहा। श्री झंडा जी मेला आयोजन समिति के व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि दो साल कोविड प्रभावित रहे श्री झंडे जी मेले में इस वर्ष लाखों की संख्या में देश विदेश से संगतों के पहुंचने का अनुमान है। बैठक में मेले में होने वाली प्रमुख गतिविधियों व उनके संचालन पर भी चर्चा की गई। मेला संचालन को 50 समितियों का गठन किया गया। साथ ही पदाधिकारियों को पुलिस प्रशासन के साथ तालमेल कर मेले में आने वाले श्रद्धालुओं व संगतों की सुरक्षा व सुविधा सुनिश्चित करने को कहा गया है।
श्री झंडे जी मेले का कार्यक्रम जारी
आयोजन समिति ने मेले का शेड्यूल जारी कर दिया है। 12 मार्च को श्री दरबार साहिब के प्रतिनिधि सुबोध उनियाल पंजाब की पैदल संगत के लिए श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज का हुकुमनामा लेकर जाएंगे। 14 मार्च को अराइंयावाला में श्री झंडे जी का आरोहरण होगा। 15 मार्च को पैदल संगतों का जत्था सहसपुर पहुंचेगा। 16 मार्च को पैदल संगत कांवली होते हुए श्री दरबार साहिब पहुंचेगी। होली के बाद 19 मार्च को श्री झंडे जी के आरोहण के लिए तैयार किए गए ध्वजदंड को एसजीआरआर बॉम्बे बाग स्कूल से श्री दरबार साहिब लाया जाएगा। इसी दिन गिलाफ सिलाई शुरू होगी।
ऐतिहासिक महत्व
सातवें गुरु श्री गुरु हर राय जी के बड़े पुत्र श्री गुरु राम राय जी महाराज का जन्म 1646 ई. में कीरतपुर, पंजाब में हुआ था। श्री गुरु राम राय जी महाराज ने दून को अपनी तपस्थली चुना व श्री दरबार साहिब में विशाल झंडा लगाकर श्रद्धालुओं को ध्वज से आशीर्वाद लेने का संदेश दिया था। चैत्रवदी पंचमी को श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
दून में ऐतिहासिक झंडा मेला 22 से, इस बार पुराने से स्वरूप में लौटेगा
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