राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की हरिद्वार रेंज से होकर गुजरने वाले हाथियों के प्राचीन कॉरिडोर हाथी बहर पथ को गश्त के लिए खोल दिया गया है। हाथियों का यह प्राचीन कॉरिडोर गंगा से लेकर यमुना नदी तक के बीच फैला हुआ है। 2014 के बाद से हाथी बहर पथ की संवेदनशीलता को देखते हुए इस पर पर्यटकों की आवाजाही और गश्त बंद कर दी गई थी।
राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की हरिद्वार रेंज में यह प्राचीन कॉरिडोर आठ किलोमीटर होकर गुजरता है। यह प्राचीन कॉरिडोर घने जंगलों के साथ ही, ऊंची-नीची पहाड़ियों, नदी-नालों से होकर गुजरता है। इसके साथ ही इस प्राचीन कॉरिडोर पर हाथी सहित अन्य वन्य जीवों का आगमन हर समय बना रहता है। इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए 2014 में इस कॉरिडोर को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था। इसकी मरम्मत न होने के कारण राजाजी पार्क की टीम भी इस कॉरिडोर पर गश्त नहीं कर पा रही थी। राजाजी पार्क की हरिद्वार रेंज, बेरीवाड़ा रेंज, धोलखंड, चिल्लावाली और यूपी सहारनपुर में स्थित शिवालिक नगर डिवीजन से होते हुए यमुना नदी तक यह कॉरिडोर पहुंचता है।
राजाजी पार्क की हरिद्वार रेंज के वन क्षेत्राधिकारी विजय सैनी ने बताया कि हाथियों का यह प्राचीन कॉरिडोर हरिद्वार रेंज में करीब आठ किलोमीटर होकर गुजरता है। मरम्मत कराए जाने के बाद यह कॉरिडोर गश्त के लिए खोल दिया गया है। वन्यजीवों के लिहाज से अति संवेदनशील होने के कारण इस कॉरिडोर पर 2014 के बाद से गश्त नहीं हो रही थी। वन क्षेत्राधिकारी विजय सैनी ने बताया कि अब पार्क की टीम इस कॉरिडोर पर वन्यजीवों के मूवमेंट पर नजर रख सकेगी।
पर्यटकों के लिए इसलिए किया गया बंद
राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क प्रशासन की ओर से 2014 में मरम्मत कराए जाने के बाद हाथी बहर पथ को खोल दिया गया था। हरिद्वार रेंज के वन क्षेत्राधिकारी विजय सैनी ने बताया कि 2014 में हाथी बहर पथ को पर्यटकों के लिए भी खोला गया था। जिसके बाद हाथी बहर पथ की संवेदनशीलता को देखते हुए बंद कर दिया गया था। यदि उच्चाधिकारियों से अनुमति मिली तो इसे एक बार फिर से पर्यटकों के लिए खोला जाएगा।
गंगा से यमुना तक के कॉरिडोर पर अब हाथियों की होगी निगरानी
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