प्रदेश की नई सरकार नए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक बजट के स्थान पर तीन या चार माह के लिए लेखानुदान ला सकती है।
खर्च चलाने के लिए विधानसभा से बजट पारित कराना अनिवार्य
एक अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष प्रारंभ होने में अब तकरीबन 12 दिन शेष हैं। नई सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है। नई सरकार के सामने सबसे पहली चुनौती नए वित्तीय वर्ष के लिए बजट की व्यवस्था करने की होगी। अगले वित्तीय वर्ष यानी एक अप्रैल से प्रदेश का खर्च चलाने के लिए विधानसभा से बजट पारित कराना अनिवार्य है
नई सरकार के पास कम वक्त बचा
सालाना बजट की तैयारी के लिए नई सरकार के पास कम वक्त बचा है। हालांकि प्रदेश में भाजपा ने ही सत्ता में वापसी की है। पिछली भाजपा सरकार की ओर से नए वित्तीय वर्ष के बजट निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई थी। ऐसे में माना जा रहा था कि दोबारा भाजपा की सरकार बनने पर पूर्ण बजट लाया जा सकता है।
पूर्ण बजट की संभावना क्षीण
हालांकि, अब पूर्ण बजट की संभावना क्षीण रह गई है। प्रदेश की सत्ता में दूसरी बार अच्छे बहुमत के साथ वापसी करने वाली भाजपा ने इस बार कई वायदे जनता से किए हैं। सत्तारूढ़ दल के घोषणापत्र में शामिल किए गए वायदों को भी नए बजट में जगह दी जाएगी।
तीन या चार माह के लिए लेखानुदान की कवायद
बजट के माध्यम से प्रदेश की जनता को लोक कल्याण कार्यों को लेकर नया संदेश देने के प्रयास किए जाएंगे। ऐसे में तीन या चार माह के लिए लेखानुदान की कवायद की जा रही है। इसे ध्यान में रखते हुए नई सरकार का गठन होते ही विधानसभा का सत्र जल्द आहूत करने पर भी विचार शुरू कर दिया गया है, यद्यपि इस बारे में अंतिम फैसला नए मुख्यमंत्री का ही होगा।
नया वित्तीय वर्ष शुरू होने में करीब 12 दिन शेष, नई सरकार पूर्ण बजट के स्थान पर ला सकती है लेखानुदान
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