नगर निगम ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के तहत पॉलीथिन के खिलाफ महाभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान में 100 से ज्यादा स्कूलों के 25 हजार छात्र-छात्राओं को जोड़ा जाएगा। साथ ही स्कूलों में पॉलीथिन बैंक बनाए जाएंगे। इसमें सबसे ज्यादा पॉलीथिन एकत्र करने वाले स्कूल को 75 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। शनिवार को एसडीसी फाउंडेशन के साथ मिलकर चलाए जा रहे अभियान की शुरुआत नगर निगम टाउन हॉल में मेयर सुनील उनियाल गामा और नगर आयुक्त अभिषेक रोहिला ने की। मेयर गामा ने कहा कि एक महीने तक चलने वाला अभियान स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 का हिस्सा है। इसका मुख्य उद्देश्य सर्वेक्षण में दून की रैंकिंग बेहतर करना है। अभियान के तहत हर स्कूल में प्लास्टिक बैंक स्थापित किये जाएंगे। उन्होंने कहा की प्रति छात्र सबसे ज्यादा प्लास्टिक एकत्रित करने वाले पहले तीन स्थानों पर रहे स्कूलों को 75 हजार रुपये, 50 हजार रुपये और 25 हजार रुपये पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा 10 स्कूलों को सांत्वना पुरस्कार और अभियान में हिस्सा लेने वाले प्लास्टिक संरक्षक, प्लास्टिक योद्धा और प्लास्टिक प्रहरी को सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इस मौके पर मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खन्ना, स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 के ब्रांड अंबेसडर अनूप नौटियाल, आरजे काव्या मौजूद रहे।
शिक्षक बनेंगे प्लास्टिक योद्धा और प्रहरी
हर स्कूल में प्रिंसिपल को प्लास्टिक संरक्षक, एक वरिष्ठ शिक्षक या कर्मचारी को प्लास्टिक योद्धा और क्लास मॉनीटर को प्लास्टिक प्रहरी बनाया जाएगा। इन सभी के माध्यम से छात्रों से प्लास्टिक कचरा एकत्रित करवाने के साथ ही स्वच्छता संदेश को छात्रों के परिवारों, दोस्तों और आसपास के लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने स्कूल को वॉल पेंटिंग और अन्य प्रतियोगिताएं भी आयोजित करने के लिए प्रेरित किया।
पॉलीथिन एकत्र करने वाले स्कूलों को मिलेगा इनाम
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