सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चीन सीमा पर सड़कों का निर्माण होने जा रहा है। इसके लिए बीआरओ के एक प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल चुकी है, जबकि एक प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए निदेशालय भेजा गया है। दोनों प्रोजेक्टों के तहत सीमा पर 30 किमी से अधिक लंबी सड़कों का निर्माण किया जाना है। भारत-चीन सीमा पर सुविधाओं के विकास के लिए सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, जिसके तहत बीआरओ ने दो प्रस्ताव तैयार किए थे। जिनमें से एक प्रस्ताव को स्वीकृति मिल चुकी है। इस प्रस्ताव के तहत सीमा पर करीब डेढ़ सौ करोड़ की लागत से 16 किमी सड़क का निर्माण किया जाना है। उक्त सड़क का निर्माण कार्य मई से शुरू कर दिया जाएगा। सड़क निर्माण कार्य तीन वर्ष में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। सड़क निर्माण के प्रथम चरण के तहत कटिंग कार्य किया जाएगा। वहीं बीआरओ ने सीमा पर सड़क निर्माण का दूसरा प्रस्ताव भी भेजा है, जिसके तहत करीब 17 किमी सड़क निर्माण किया जाना है। बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि उक्त प्रस्ताव को भी जल्द मंजूरी मिलने की संभावना है।
भैरवघाटी से आगे भी राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित
भैरवघाटी से आगे भी मोटर मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर दिया गया है। मेजर बीनू ने बताया कि भारत माला प्रोजेक्ट के तहत भैरव घाटी से आगे नेलोंग, नागा, अंगार, पीडीए को जोड़ने वाला मार्ग मेडिके (भारत-चीन सीमा) तक एनएच घोषित कर दिया गया है, जिससे अब सोनम से आगे भी मोटर मार्ग डबल लेन हो जाएगा। साथ ही एनएच होने से भी उक्त पूरे क्षेत्र में लगातार मरम्मतीकरण व सुधारीकरण कार्य होते रहेंगे। भैरवघाटी से मेडिके तक करीब 61 किमी मोटर मार्ग एनएच घोषित किया गया है।
सीमा पर सड़क निर्माण के लिए एक प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिली है, जिसका निर्माण कार्य मई से शुरू कर दिया जाएगा। एक प्रोजेक्ट स्वीकृति के लिए निदेशालय भेजा गया है। -बीनू वीसी , मेजर बीआरओ।
एक्सक्लूसिव: मई से शुरू होगा चीन सीमा पर सड़कों का निर्माण, बीआरओ के एक प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी
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