उत्तराखंड रोडवेज ने पर्यटन और चारधाम सीजन में यात्रियों की संख्या को देखते हुए किराया ज्यादा या कम करने की छूट देने का प्रस्ताव राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) को दे दिया है। इसके बाद सरकार ने भी रोडवेज के इस प्रस्ताव को किराया बढ़ोतरी के प्रस्ताव में शामिल करने के निर्देश कमेटी के संयोजक दिनेश पठोई को दे दिए हैं।यदि एसटीए इसकी इजाजत देता है तो रोडवेज के अलावा अन्य बस संचालकों को भी यह अधिकार मिल जाएगा। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार सुबह परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने सचिवालय में किराया बढ़ोतरी को लेकर परिवहन और एसटीए अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में रोडवेज के इस प्रस्ताव को किराया बढ़ोतरी के प्रस्ताव में शामिल करने के निर्देश दिए गए।
सूत्रों के मुताबिक, एसटीए की बैठक को जल्द से जल्द कराने की तैयारी की जा रही है। गैरसरकारी सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने की वजह से आ रही अड़चन का समाधान भी तलाश लिया गया है। नए सदस्यों की नियुक्ति तक पूर्व के सदस्यों को निवर्तमान माना जाता है। इसलिए वो बैठक में शरीक हो सकते हैं। रोडवेज ने परिवहन विभाग और किराया निर्धारण कमेटी से डिमांड एवं सप्लाई के आधार पर सर्ज प्राइसिंग फार्मूला लागू करने का अधिकार मांगा है। रोडवेज के प्रस्ताव पर राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में अंतिम फैसला होगा। प्राधिकरण की बैठक में लग्जरी और सुपर लग्जरी यात्री वाहनों को अतिरिक्त सुविधाओं के अनुसार अतिरिक्त शुल्क लेने की छूट भी मिल सकती है। एक वरिष्ठ परिवहन अधिकारी ने इसकी पुष्टि की।
क्या है सर्ज प्राइसिंग
सर्ज प्राइसिंग बाजार के उछाल और गिरावट से तय होती है। यानि, यदि पर्यटन और यात्रा सीजन के दौरान वाहन कम और यात्री ज्यादा हों तो वाहन संचालक अधिक किराया ले सकेगा। लेकिन इसकी सीमा तय होगी। इसी प्रकार वाहन ज्यादा और यात्री बेहद कम होने पर वाहन मालिक निर्धारित किराए से कम किराए पर सवारियां ले जा सकता है।
जितनी ज्यादा सुविधाएं उतना ज्यादा किराया
वातानुकूलित और सुपर लग्जरी बसों का किराया एसटीए से सामान्य बस के लिए तय किराए से सवा से लेकर तीन गुना तक अधिक होता है। यदि ये वाहन अपनी बस में यात्रियों की सुविधा के लिए अखबार, मैगजीन, पेयजल, भोजन, फिल्म आदि दिखाने की सुविधा देते हैं तो इसके लिए अलग से शुल्क भी ले सकते हैं।
उत्तराखंड रोडवेस बसों का बढ़ेगा किराया या यात्रियों को मिलेगी राहत? एसटीए ने लिया यह फैसला
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