सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण के लिए प्रदेश में दो इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार ने ऋषिकेश और नैनीताल जिले में इन सेंटरों को स्थापित करने की मंजूरी दे दी है। एक इन्क्यूबेशन (ऊष्मायन) सेंटर की अनुमानित लागत साढ़े तीन करोड़ होगी। इन सेंटरों के बनने से कृषि व बागवानी उत्पादों का प्रसंस्करण किया जा सकेगा। केंद्र सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत केंद्र ने 2025 तक राज्य को 175 इकाईयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। राज्य की विकट भौगोलिक परिस्थिति होने के कारण तुड़ाई के बाद बागवानी उत्पाद बर्बाद हो जाते हैं। जिससे किसानों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। सरकार का सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को बढ़ावा देकर किसानों की आमदनी बढ़ाने पर जोर है। योजना के तहत नैनीताल के कालाढुंगी और ऋषिकेश के गंगा लहरी में खाद्य प्रसंस्करण के इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए केंद्र ने डीपीआर को मंजूरी दे दी है। इन सेंटरों में आचार, जूस, कैंडी और मसालों का प्रसंस्करण किया जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक जिले में मिनी इक्यूबेशन सेंटर बनाए जाएंगे। योजना में अब तक 21 सूक्ष्म प्रसंस्करण इकाईयों लगाने के लिए बैंक से ऋण स्वीकृति मिल गई है। इसमें देहरादून में सात, अल्मोड़ा में सात, पौड़ी व नैनीताल में तीन-तीन, ऊधमसिंह नगर में एक प्रसंस्करण इकाई शामिल है।
सूक्ष्म प्रसंस्करण इकाईयां लगाने पर सरकार भी देगी 25 प्रतिशत सब्सिडी
योजना में सूक्ष्म प्रसंस्करण इकाईयां लगाने के लिए केंद्र की ओर से 35 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार की ओर से सूक्ष्म प्रसंस्करण इकाईयां लगाने पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी देगी। इसके लिए प्रस्ताव वित्त विभाग के अनुमति के लिए भेजा गया है। योजना में नई इकाईयां लगाने के लिए एक जिला एक उत्पाद के आधार पर सब्सिडी का लाभ मिलेगा। प्रदेश में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित होने से जहां किसानों को उत्पाद का उचित दाम मिलेगा। वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। नैनीताल और ऋषिकेश में खाद्य प्रसंस्करण इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए केंद्र की मंजूरी मिली गई है। इन सेंटरों उत्पादों को प्रोसेसिंग करने की सुविधा मिलेगी। – डॉ. एचएस बवेजा, निदेशक उद्यान
सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण के लिए प्रदेश में बनेंगे दो केंद्र, किसानों को उत्पाद का मिलेगा उचित दाम
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