चारधाम यात्रा में इस बार उमड़ रही भीड़ से तीर्थयात्रियों का दो साल का रिकॉर्ड टूट गया है। कोविड महामारी के कारण प्रभावित रही चारधाम यात्रा में जितने यात्री दो साल में आए। उतने ही यात्री इस बार दो सप्ताह के भीतर चारधाम पहुंच गए हैं। सरकार व पर्यटन विभाग को भी चारधाम यात्रा ऐतिहासिक होने की उम्मीद हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 15 मार्च 2020 को मिला था। उस समय चारधाम यात्रा की तैयारियां चल रही थी। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते समय प्रदेश में कोरोना संक्रमण प्रसार चरम पर था। इससे यात्रा को बंदिशों के साथ संचालित किया गया। लेकिन कोरोना के डर से दूसरे राज्यों से तीर्थयात्री नहीं आए पाए। वहीं 2021 में कपाट खुलने से पहले कोरोना की दूसरी लहर से यात्रा बाधित रही। चारधामों में संक्रमण की रोकथाम के लिए व्यवस्था न होने के कारण हाईकोर्ट ने यात्रा संचालन पर रोक लगाई थी। बाद में सरकार के प्रार्थना याचिका पर हाईकोर्ट ने यात्रा संचालन की अनुमति दी। पिछले साल सितंबर माह में चारधाम यात्रा शुरू हुई थी। कोरोना काल से पहले 2019 में चारधामों में 33 लाख से अधिक तीर्थयात्री आए। जबकि कोरोना महामारी में 2020 में 3.33 लाख यात्री पहुंचे। 2021 में चारधामों में पांच लाख से अधिक तीर्थयात्री ने कोरोना महामारी के बीच दर्शन के लिए पहुंचे। कोरोना संक्रमण थमने के बाद इस बार कपाट खुलने ही यात्रा पूरी क्षमता के साथ शुरू हुई। जिससे दो सप्ताह के भीतर ही चारधामों में पांच लाख से तीर्थ यात्री पहुंच गए हैं। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर का कहना है कि चारधाम यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों में काफी उत्साह है। इस बार यात्रा में रिकॉर्ड यात्री दर्शन के लिए आ रहे हैं।
तीर्थयात्रियों का उमड़ा ऐसा सैलाब, दो सप्ताह में टूटा पिछले दो साल का रिकॉर्ड
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