अल्मोड़ा। थॉमस कप के फाइनल में भारत ने 14 बार की चैंपियन इंडोनेशिया की टीम को हराकर इतिहास रच दिया है। लक्ष्य सेन और सात्विक चिराग की जोड़ी के बाद किदांबी श्रीकांत ने तीसरा मैच जीता और भारत को पहली बार थॉमस कप का चैंपियन बना दिया अल्मोड़ा के लक्ष्य सेन की इस उपलब्धि पर नगर के लोगों ने खुशी जताई है। खिलाड़ियों ने स्टेडियम में मिष्ठान वितरित जीत की खुशी का इजहार किया।
उत्तरांचल राज्य बैडमिंटन संघ के सचिव बीएस मनकोटी, उत्तरांचल राज्य बैडमिंटन संघ की अध्यक्ष डॉ. अलकनंदा अशोक, पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी, जिला बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष प्रशांत जोशी, उपाध्यक्ष प्रशासनिक गोकुल सिंह मेहता, उपाध्यक्ष राकेश जायसवाल, सचिव डॉ. संतोष बिष्ट, सह सचिव संजय नज्जौन, कोषाध्यक्ष नंदन रावत, समन्वयक विजय प्रताप सिंह, मीडिया प्रभारी डीके जोशी, लेख परीक्षक सुरेश कर्नाटक, सलाहकार जगमोहन फर्त्याल, डॉ. नंदन बिष्ट, अरविंद जोशी, हिमांशु राज, शेखर लखचोरा, जिला क्रीड़ाधिकारी विनोद कुमार वल्दिया, उप जिला क्रीड़ा अधिकारी और बैडमिंटन कोच अरुण बंगयाल, कोच स्मृति नगरकोटी ने लक्ष्य की उपलब्धि पर खुशी जताई है।
चार साल की उम्र से खेलने वाले लक्ष्य ने छुआ आसमान
अल्मोड़ा। लक्ष्य ने चार साल की उम्र से खेलना शुरू कर दिया था। लक्ष्य की दसवीं तक की पढ़ाई अल्मोड़ा के बीयरशिवा स्कूल में ही हुई। लक्ष्य के पिता डीके सेन बैडमिंटन के नामी कोच हैं और वर्तमान में प्रकाश पादुकोण अकादमी से जुड़े हैं। लक्ष्य सेन के दादा सीएल सेन को अल्मोड़ा में बैडमिंटन का पितामह कहा जाता है। लक्ष्य सेन ने 10 वर्ष की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता था। तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने इजरायल जूनियर इंटरनेशनल के डबल और सिंगल में स्वर्ण, एशिया जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, लिनिंग सिंगापुर यूथ इंटरनेशनल सीरीज में स्वर्ण, इंडिया इंटरनेशनल सीरीज के सीनियर वर्ग में स्वर्ण, योनेक्स जर्मन जूनियर इंटरनेशनल में रजत समेत समेत कई राष्ट्रीय और अंतराराष्ट्रीय चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को पदक दिलाया है।
खिलाड़ियों की बात
यह भारत की ऐतिहासिक जीत है। भारतीय बैडमिंटन टीम की यह जीत हिंदुस्तान में बैडमिंटन खेल को और बुलंदियों पर लेकर जाएगी। युवा खिलाड़ी भी इससे प्रेरित होंगे। – बीएस मनकोटी, सचिव उत्तरांचल राज्य बैडमिंटन संघ।
मैने लक्ष्य सेन को खेलते हुए देखा है। उनका खेल उम्दा है जिसकी बदौलत आज उन्होंने भारत के लिए ऐतिहासिक जीत है। उनके प्रदर्शन से सभी खिलाड़ी प्रभावित हैं। – सिद्धार्थ रावत
यह पूरे देश के काफी गर्व की बात है कि 73 वर्ष बाद भारत की झोली में थामस कप आया है। सभी खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रर्दशन किया है। खिलाड़ियों की जीत पर हम उन्हें बधाई देते हैं। – आदित्य कनवाल, खिलाड़ी।
इंडोनेशिया को हराकर भारत ने जीता बैडमिंटन में थोमस कप
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