Thursday, October 31, 2024
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महंगाई की मार से सिमटा शादियों में व्यंजनों का स्वाद

कोरोना जैसी महामारी फैलने के बाद से महंगाई में लगातार खासा इजाफा हो रहा है। इसका खासा असर शादियों पर भी पड़ रहा है। महंगाई के चलते दावत में परोसे जाने वाले 20 से अधिक पकवानों में अब कटौती कर दी गई है। खास बात तो यह है कि तेल में बनने वाले पकवान लोगों ने दावत में लगभग बनवाने ही बंद करवा दिए हैं। यही नहीं अंत में खाया जाने वाला मीठा भी लोग सीमित मात्रा में ही बनवा रहे हैं।
हल्द्वानी शहर में ही करीब 100 से अधिक बारात घर हैं। शादियों के सीजन में इन बारात घरों में एक से लेकर 20 तक शादियां होती हैं। यहां बनने वाले पकवानों की बात करें तो लोगों की डिमांड पर अलग-अलग तरह के पकवान बनते हैं। पनीर की बात करें तो शाही पनीर, मटर पनीर, कढ़ाई पनीर, पालक पनीर आदि बनते हैं। पहले लोग जहां दो या तीन प्रकार के पनीर की मांग रखते थे, अब दो या फिर एक ही किस्म का पनीर बनवा रहे हैं। तीन से पांच किस्म की दाल की मांग रखने वाले लोग अब दाल मखनी, या पीली मटर दाल तक ही सीमित हो चुके हैं। बारात घर स्वामियों के मुताबिक इसका मुख्य कारण यह है कि एक तरफ महंगाई ने लोगों की जेब पर डाका डाला है, तो वहीं कोरोना के बाद से लोग अतिरिक्त खर्च से बच रहे हैं। इसका असर शादियों की होने वाली दावत में साफ-साफ दिखाई दे रहा है।
शुरुआती स्नैक्स
कोरोना से पहले गर्म-गर्म पकौड़ियां, टिक्की, मिनी समोसा, कटलेट्स, चिली पोटैटो, स्प्रिंग रोल, ड्राई मंचूरियन, फ्रेंच फ्राइज आदि तैयार किए जाते थे। मगर लोगों ने अब कई जगहों पर इनमें पूरी तरह से कटौती कर दी है तो कुछ केवल पकौड़ियां ही तलवा रहे हैं। इसके अलावा पानी पूरी, चाट कॉर्नर, दही-भल्ला तो दिखना ही बंद हो गया है।
खाने से पहले
पहले विभिन्न फ्लेवर वाली आइस्क्रीम लोगों के लिए रखी जाती थीं, मगर अब एक या दो फ्लेवर की आइस्क्रीम ही लोग खा रहे हैं। वहीं सर्दियों में मटर-पुदीने का सूप, टोमैटो सूप, वेजिटेबल सूप, कॉर्न सूप, इटेलियन वेडिंग सूप, चिकन सूप, चीज सूप या फिर फ्रेंच अनियन सूप, चाय और कॉफी बनाए जाई थी, लेकिन अब चाय, कॉफी ही लोग पी रहे हैं।
दालें
दावत में दाल मखनी लोगों की सबसे पसंदीदा में से एक है। इसके अलावा बाल्टी दाल, दाल साग/मेथी, दाल महारानी, लहसुन तड़के के साथ पीली दाल और पंजाबी कड़ी पकौड़ा शादियों में बनाया जाता था। अब केवल दाल मखनी व कड़ी या फिर पीली दाल ही लोगों की थालियों में परोसी जा रही है।
शाकाहारी खाना
कोरोना से पहले दावत में आलू फ्राई, जीरा आलू, मेथी आलू, मशरूम मटर, मेथी मलाई मटर, गोभी मुसल्लम और मिक्स वेज आदि बनते थे। वहीं करी वाली सब्जियों में पनीर मेथी मलाई, शाही पनीर, पनीर कोरमा, पनीर अचारी, कढ़ाई पनीर, पालक पनीर, पनीर लबाबदार, मलाई कोफ्ता, छोले और चना रावल पिंडी आदि तैयार होती थी। लेकिन अब इन सभी पकवानों में कटौती कर एक ही किस्म की सब्जी के साथ दो किस्म के पनीर का लोग स्वाद ले रहे हैं।
मांसाहारी खाना
कुछ लोग शादियों में नॉनवेज आइटम जरूर रखते हैं। जबकि मुस्लिम समुदाय की शादियों के खाने में सबसे ज्यादा मटन और चिकन पसंद किया जाता है। पहले यहां तवा चिकन, मटन दो प्याजा, फिश करी, मटन बिरयानी और चिकन बिरयानी मेहमानों को परोसी जाती थी। अब इसमें भी कटौती कर दी गई है। लोग सीमित मात्रा में ही चिकन और मटन बिरयानी का स्वाद ले रहे हैं।
रोटी-चावल
शादी के मेन्यू में रोटी और चावल भी पहले अलग-अलग किस्म के होते थे, जिसमें तंदूरी रोटी और नान हर किसी की पसंद है। इसके अलावा तवा रोटी, मिस्सी रोटी, स्टफ्ड कुलचे और गार्लिक नान जैसे विकल्प भी थे। वहीं पुलाव, प्लेन राइस या जीरा राइस लोगों की पसंद थी। मगर अब हल्द्वानी के बारात घरों में लोग एक ही प्रकार का चावल और तंदूरी रोटी बनवा रहे हैं।
जंक फूड
शादियों में बच्चों सहित महिलाओं को चाऊमीन, मसाला डोसा समेत कई तरह के चाइनीज फूड़ यहां बनते हैं। मगर अब चाइनीज फूड में पूरी तरह से कटौती कर दी गई है। हल्द्वानी में होने वाली 20 में से महज 3 बारात घरों में अब जंक फूड बनाया जा रहा है। जबकि बच्चों और महिलाओं की खासा भीड़ इस स्टॉल पर देखने को मिलती थी।
मीठा
मीठे के बिना शादी का खाना अधूरा होता है। गर्मी के मौसम में लोगों को फ्रेश फ्रूट आइसक्रीम और कुल्फी खूब भाती है। वहीं ठंड हो या गर्मी गुलाब जामुन, मालपुए, जलेबियां, और गाजर और दलिया का हलवा लोगों के लिए परोसा जाता था। मीठे में लोगों ने अब सभी कुछ कम कर दिया है। महमानों को अब केवल गुलाब जामुन, एक ही किस्म का हलवा और एक या दो फ्लेवर वाली आइस्क्रीम से लोग मुंह मीठा कर रहे हैं।

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