हल्द्वानी। कुमाऊं की नदियों में खनन सत्र मंगलवार को पूरा हो गया, इसके बाद खनन कार्य बंद हो गया। इस सत्र में गौला समेत अन्य नदियों में खनन से करीब ढाई अरब रुपये का राजस्व मिला है। हालांकि कई नदियों में तय मात्रा के सापेक्ष खनिज निकासी का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है। गौला में भी तय लक्ष्य के सापेक्ष एक लाख घनमीटर खनिज निकासी कम हुई है।
सरकारी राजस्व का बड़ा स्रोत खनन है। कुमाऊं में सबसे ज्यादा खनन गौला नदी में होता है। गौला में 1450 हेक्टेयर में होने वाले खनिज निकासी का लक्ष्य 38 लाख घनमीटर रखा गया था। इस सत्र में करीब 37 लाख घनमीटर खनिज निकासी हो सकी है। इससे वन निगम, वन विभाग समेत अन्य सरकारी विभागों को एक अरब पिचासी करोड़ बयालीस लाख का राजस्व मिला है। वन निगम के आरएम केएन भारती ने बताया कि इसी तरह नंधौर नदी में होने वाले खनन से 31 करोड़ से अधिक का राजस्व मिला है। नदी में तय लक्ष्य के सापेक्ष नौ सौ घनमीटर खनिज निकासी कम हुई है। इसी तरह शारदा नदी में होने वाली खनिज निकासी से करीब नौ करोड़ सत्तासी लाख का राजस्व मिला है। इस नदी में दो लाख पैसठ हजार घनमीटर खनिज निकासी का लक्ष्य था, उसकी तुलना में दो लाख छब्बीस हजार घनमीटर खनिज हो सकी है। कोसी, दाबका से करीब बीस करोड़ का राजस्व मिला है।
बंद हुआ कोसी-दाबका नदी में खनन- नदी में नहीं पूरा हो पाया खनन का लक्ष्य
रामनगर (नैनीताल)। कोसी-दाबका नदी में खनन का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया। मानसून सीजन को देखते हुए नदी में खनन बंद कर दिया गया है। खनन से करीब बीस करोड़ का राजस्व वसूला गया है। वन विकास निगम के डीएलएम धीरेश सिंह बिष्ट ने बताया कि कोसी नदी में 631121 लाख घनमीटर और दाबका नदी में 167769 लाख घनमीटर का लक्ष्य था। खनन बंद होने तक कोसी में 274017 लाख और दाबका में 137158 लाख घनमीटर ही खनन हो पाया। राजस्व की बात करें तो कोसी नदी से 13,23,77000 रुपये राजस्व मिला जबकि दाबका नदी से 6,63,40000 रुपये राजस्व मिला।
खनन क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ाई गई
हल्द्वानी। तराई पूर्वी वन प्रभाग के गौला रेंज के रेंजर आरपी जोशी ने बताया कि खनन सत्र समाप्त हो गया है। इसके बाद बैरियर को बंद करने समेत अन्य कार्रवाई शुरू कर दी गई है। गेटों के पास खाई भी खोदी जाएगी, जिससे कोई वाहन खनन क्षेत्र में प्रवेश न कर सके। सुरक्षा के अन्य इंतजाम भी किए जा रहे हैं।
कुमाऊं में गौला समेत कई नदियों में खनन
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