शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क शिक्षा एडमिशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। 21 मार्च से 11 अप्रैल तक बच्चे इसके लिए आवेदन कर सकते है। गरीब, वंचित वर्ग के बच्चों के लिए आरटीई के तहत एडमिशन की यह सुविधा उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में आखिरी मौका भी हो सकता है।भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में आरटीई एडमिशन की प्रक्रिया को संशोधित करने का वादा किया है। भाजपा का वादा है कि सरकारी स्कूलों के सशक्तिकरण के लिए मानक में बदलाव किया जाएगा। केवल उन्हीं ब्लॉक में एडमिशन मानक लागू किए जाएंगे, जहां सरकारी स्कूल पूरी क्षमता तक पहुंच चुके होंगे।
देश के कई राज्यों में भी पहले सरकारी और अशासकीय स्कूली में एडमिशन की व्यवस्था लागू है। उत्तराखंड में वर्ष 2011-12 से प्राइवेट स्कूलों को प्राथमिकता देने की नीति लागू की गई थी। सरकारी स्कूलों के शिक्षक संगठन भी लंबे समय से आरटीई मानक को बदलने की मांग करते आ रहे हैं।
इस वक्त राज्य के करीब चार हजार प्राइवेट स्कूलों में 90 हजार छात्र आरटीई कोटे के तहत प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क पढ़ाई कर हैं। वर्तमान में उनकी फीस का खर्च 126 करोड़ रुपये तक आ चुका है। प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान का कहना है कि सरकार की प्राथमिकता सरकारी स्कूल होने चाहिए। प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन तभी कराए जानें जाने चाहिए, जब सरकारी स्कूलों में नए एडमिशन के लिए जगह न बची हो। जो सौ से सवा सौ करोड़ रुपये प्राइवेट स्कूलों को फीस के रूप में दिए जा रहे हैं, उनका उपयोग सरकारी स्कूलों में शिक्षक और संसाधन बढ़ाने में होना चाहिए। पात्र बच्चे उपलब्ध न होने पर मुख्य शिक्षा अधिकारी एडमिशन के लिए क्षेत्र का दायरा बढ़ा सकता है। आवेदनों की चयन प्रक्रिया बाद 21 अप्रैल को पहली लॉटरी की जाएगी। 25 अप्रैल से छात्रों के एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होगी। जरूरत पड़ने पर 17 मई को एक बार फिर लाटरी के जरिए पात्र छात्रों का चयन किया जा
सकता है।
ये है व्यवस्था
-सरकारी स्कूल के पूरी तरह भर जाने के बाद ही प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन देने की है योजना
-अगले सत्र से बदलाव की उम्मीद, वर्तमान सत्र के लिए एडमिशन प्रक्रिया की गई शुरू
-देश के कई राज्यों में भी पहले सरकारी और अशासकीय स्कूली में एडमिशन की व्यवस्था लागू है
प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन को हो जाएं तैयार,जानिए कब शुरू होंगे दाखिले
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