हाईकोर्ट में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में हटाए गए संविदा कर्मचारियों के मामले में प्रदेश सरकार को झटका लगा है। हाईकोर्ट ने सरकार की विशेष याचिका को खारिज कर दिया। संविदा कर्मचारियों की सेवाएं बरकरार रहेंगी। विभाग के तहत वन स्टाप सेंटर में कई कर्मचारी पिछले कई वर्षों से संविदा पर काम कर रहे थे। हाल ही में इन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी थी। इसका केंद्र सरकार की गाइड लाइन को आधार बनाया गया था। हटाए गए कर्मचारी ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
याचिकाकर्ता षष्ठी कांडपाल व अन्य ने हाईकोर्ट की एकलपीठ के समक्ष कहा था कि वे 2017 से गवर्मेंट ऑफ इंडिया की स्कीम के तहत कार्य कर रहे थे। स्कीम केंद्र सरकार से वित्त पोषित है। 29 नवंबर 2022 के आदेश के तहत उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई। उनके स्थान पर विभाग की ओर से एक निजी आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से अपने करीबी लोगों की नियुक्ति की जा रही है। इस संबंध में एक विज्ञापन भी जारी किया गया था। याचिकाकर्ता ने कहा कि संविदा कर्मचारियों को हटाकर उनके स्थान पर अन्य को लगाना गलत है। खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुना और एकलपीठ के आदेश को सही ठहराते हुए सरकार की विशेष याचिका को खारिज कर दिया।
संविदा कर्मचारियों को हटाने के फैसले पर रोक, सरकार की विशेष याचिका खारिज
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