दवाओं के दाम में पिछले एक माह में औसतन करीब 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ने के बाद भाड़ा बढ़ेगा जिसके बाद दवा के दाम और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इसकी सबसे ज्यादा मार आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों पर पड़ेगी। दवाओं के कीमत हर माह बढ़ रही है। खासकर कोलेस्ट्रॉल, दिल, सांस, एंटीबायोटिक की कीमतों में इजाफा हो रहा है। चुनाव के दौरान में इसमें कोई राहत नहीं मिली। दवा विक्रेताओं का कहना है कि कच्चे माल और ईधन के कीमत बढ़ना इसकी वजह है। जिन दवाओं की कीमत बढ़ी है वो जीवन रक्षक हैं। उन्हें लेना मरीजों की मजबूरी है। दवा बाजार के जानकार कहते हैं कि खाने पीने के सामान की तरह ही दवाओं की कीमतें भी भविष्य में और बढ़ेंगी।
दवा के दामों में समय-समय पर वृद्धि हो रही है। पिछले एक माह में भी करीब 10 प्रतिशत दाम बढ़े हैं। थोक विक्रेता इसकी वजह कभी कच्चे माल की कमी तो कभी भाड़ा बढ़ना बताते हैं। – पवन बिष्ट, पवन मेडिकोज, हल्द्वानी
एक माह में दवा की कीमत में करीब 10% वृद्धि हुई है। आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को दवा की कीमत बढ़ने से ज्यादा तकलीफ होती है। – नवनीत राणा, सामाजिक कार्यकर्ता, दवा कारोबारी, हल्द्वानी
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