पंतनगर। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के 17 नवंबर को होने वाले 62वें स्थापना दिवस के लिए शुक्रवार से फाउंडेशन वीक शुरू हो गया जो 17 नवंबर तक चलेगा। शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रेमचंद्र शर्मा ने विवि के वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि किसानों के बीच जाकर जैविक खेती को बढ़ावा दें। गांधी हॉल सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पद्मश्री प्रेमचंद ने कहा कि आज की खेती से अधिक मुनाफा लेने के लिए अंधाधुंध रसायनों का उपयोग किया जा रहा है जो सेहत से खिलवाड़ है। इससे कैंसर जैसी भयंकर बीमारियां पैदा हो गई हैं। हमें जैविक खेती को बढ़ावा देना होगा। विवि कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि विवि का स्थापना दिवस मनाने का उद्देश्य तभी पूरा होगा जब हम प्रत्येक क्षेत्र में बेहतर कार्य करें।
कुलपति ने कहा कि हम कृषि विश्वविद्यालयों में प्रथम स्थान पर हैं लेकिन पिछले पांच वर्षों से जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार व किदवई पुरस्कार पाने में असमर्थ हो रहे हैं। इसके लिए हमें अपने पूर्व छात्रों व विवि के पूर्व शिक्षकों व वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन लेना होगा। विवि के पूर्व छात्र अलिन बनर्जी ने अपने छात्र जीवन की विभिन्न स्मृतियों को साझा करते हुए विवि को हर प्रकार के सहयोग की इच्छा प्रकट की। अधिष्ठाता कृषि डॉ. शिवेंद्र कुमार कश्यप ने स्लाइड प्रदर्शन के माध्यम से पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के भाषणों को प्रस्तुत किया। एल्यूमनाई एसोसिएशन के सचिव डॉ. जेपी जायसवाल ने सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रमों की संक्षिप्त रूपरेखा बताई और अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. बृजेश सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। वहां डॉ. जेपी मिश्रा आदि मौजूद रहे।
और जब कुलपति हुए आक्रोशित
पंतनगर। कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए कुलसचिव की ओर से नोटिस जारी कर विवि के समस्त अधिष्ठाताओं, अधिकारियों, शिक्षकों व गैर शैक्षणिक कर्मियों सहित छात्र-छात्राओं को कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए दोपहर ढाई बजे गांधी हॉल पहुंचने के लिए कहा गया था लेकिन बहुत से कर्मचारी व छात्र-छात्राएं कार्यक्रम में नहीं पहुंचे जिससे एक हजार की क्षमता वाले हाल में ही लगभग 100 सीटें खाली रह गईं। कार्यक्रम में छात्रों के बड़ी संख्या में नहीं पहुंचने से आक्रोशित कुलपति ने अधिष्ठाताओं को फटकार लगाई कि उन्होंने छात्रों को प्रेरित नहीं किया होगा। विवि के पूर्व छात्र अलिन बनर्जी के संबोधन के दौरान कुछ छात्रों को उठकर बाहर जाते देखकर कुलपति आगबबूला हो गए और उन्होंने उन छात्रों को निष्कासित (रस्टीकेट) करने के आदेश दे दिए। कुलपति के इस अप्रत्याशित व्यवहार से वहां मौजूद सभी लोग हतप्रभ रह गए।
जैविक खेती को बढ़ावा दें वैज्ञानिक : पद्मश्री प्रेमचंद्र
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