अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक मामले में लखनऊ की आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है। एक ओर जहां आयोग ने कंपनी से अब कोई काम नहीं कराने का निर्णय लिया है, वहीं एसटीएफ ने कंपनी के निदेशक सहित अन्य अधिकारियों को पूछताछ के लिए देहरादून बुलाया है। पिछले साल चार व पांच दिसंबर को हुई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को पेपर लीक होने से संबंधित जानकारी एक टॉयलेट पेपर की तस्वीरों से मिली थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू कर दी। अब तक 18 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसमें कंपनी के भी दो कर्मचारी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, अब एसटीएफ ने पेपर प्रिंट करवाने वाली कंपनी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कंपनी के निदेशक सहित कई अधिकारियों से पहले लखनऊ में पूछताछ की गई थी। अब एसटीएफ ने सभी को पूछताछ के लिए देहरादून बुलाया है।
पुलिस से रिपोर्ट आने के बाद करेंगे ब्लैकलिस्ट
आयोग के निवर्तमान सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि अध्यक्ष एस राजू के कार्यकाल में ही आयोग ने कंपनी से कोई काम न कराने का फैसला ले लिया था। हालांकि अभी कंपनी को ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया है। पुलिस से रिपोर्ट आने के बाद ब्लैकलिस्ट की कार्रवाई की जाएगी। मैं दो दिन बाद देहरादून आ रहा हूं। आपके सभी सवालों के जवाब दूंगा। फिलहाल पेपर लीक मामले में कुछ बोलना नहीं चाहूंगा। – राजेश कुमार, निदेशक, आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस
आयोग ने आरएमएस कंपनी से सभी परीक्षाओं के कामकाज छीने, निदेशक तलब
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