वन सीमा पर सटे गांवों में हाथियों द्वारा किए गए नुकसान का मुआवजा किसानों को साल भर बाद भी नहीं मिल पा रहा है। किसानों में इससे रोष व्याप्त हो रहा है। कहा कि यदि जल्द मुआवजा नहीं मिला तो आंदोलन किया जाएगा। लच्छीवाला वन रेंज और आसपास के अन्य क्षेत्रों में हाथी आए दिन किसानों की फसल को क्षतिग्रस्त करते हैं। खासतौर पर गन्ना, धान, चारा आदि फसलों को जंगली हाथी निशाना बनाते है। क्षेत्र में ऊर्जा बाड़ और सुरक्षा दीवार आदि का भी अभाव है। ऐसे में जंगली हाथी खेतों में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाते है।
सिमलास ग्रांट के पूर्व प्रधान उम्मेद वोरा ने बताया कि किसानों को क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन किए साल भर से अधिक का समय हो गया है। लेकिन विभागीय स्तर पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जंगली हाथी लगातार किसानों की फसलों को नुकसान भी पहुंचा रहे है। किसान जागीर सिंह ने बताया कि मुआवजे के लिए सभी औपचारिकताओं को पूरा किया गया।
राजस्व विभाग की जांच रिपोर्ट के बावजूद मुआवजा नहीं मिला पा रहा है। जगदीश प्रसाद, विशंबर प्रसाद, सुभाष पाल, मनसा देवी और जैब सिंह आदि तमाम ऐसे किसान है, जिनको आवेदन के बावजूद मुआवजा नहीं मिला है। वन क्षेत्राधिकारी लच्छीवाला घनानंद उनियाल ने बताया कि मुआवजे के लिए मिले आवेदन सभी प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय भेजे गए है। मुआवजा कार्यालय के माध्यम से ही मिलेगा।
जंगली हाथियों से हुए नुकसान का मुआवजा मिलने में हो रहा विलंब
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