उत्तराखंड में जल्द ही पशु चिकित्सा के लिए मोबाइल एंबुलेंस सेवा शुरू होगी। इस योजना को शुरू करने में कर्नाटक, मेघालय के बाद उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य होगा। 1962 टोल फ्री नंबर डॉयल कर पशुपालक एंबुलेंस चिकित्सा सेवा ले सकेंगे। इस एंबुलेंस में पशु चिकित्सा की सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। 16 नवंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 60 मोबाइल एंबुलेंस को हरी झंडी दिखा कर योजना की शुरुआत करेंगे। इसी दिन गोट वैली योजना भी शुरू की जाएगी।
108 की तर्ज पर प्रदेश में पहली बार पशु चिकित्सा के लिए मोबाइल एंबुलेंस सेवा शुरू की जाएगी। नाबार्ड और ग्रामीण अवस्थापना विकास फंड (आईआरडीएफ) के वित्तीय सहयोग से सरकार ने 60 मोबाइल पशु चिकित्सा एंबुलेंस खरीदी है। इस एंबुलेंस सेवा के माध्यम से पशुपालकों को एक डॉयल करने पर पशु चिकित्सा के लिए एंबुलेंस उपलब्ध होगी। एंबुलेंस में पशु चिकित्सक, पैरावेट और ड्राइवर तैनात रहेंगे। इसके अलावा रुद्रप्रयाग, पौड़ी, चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर जिले में गोट वैली योजना शुरू की जाएगी। इस योजना में चयनित गांवों में बकरी पालन को बढ़ावा दिया जाएगा। पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि 16 नवंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो बड़ी योजनाओं की शुरुआत करेंगे। पहली बार प्रदेश में पशुओं के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा एंबुलेंस सेवा शुरू की जाएगी। इसके अलावा गोट वैली योजना, राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत देहरादून के श्यामपुर में सीमन लैब का शिलान्यास किया जाएगा। कार्यक्रम में केंद्रीय पशुपालन राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान विशेष रूप से शामिल होंगे।
सुविधा: पशु चिकित्सा के लिए उत्तराखंड में जल्द दौड़ेंगी मोबाइल एंबुलेंस, डॉयल करना होगा 1962 टोल फ्री नंबर
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