रुद्रपुर। सूर्यग्रहण लगने से शहर के प्रसिद्ध मंदिर लक्ष्मी नारायण मंदिर, हरि मंदिर, प्राचीन अटरिया मंदिर आदि के कपाट शाम छह बजे तक बंद रहे। इसके बाद पुरोहितों ने मंत्रोच्चारण कर भगवान की मूर्तियों को स्नान के बाद उनके वस्त्र बदले। साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होने से मंगलवार को मंदिरों में सुबह चार बजे से पहले ही पूजा कर दी गई। सूर्यग्रहण से सूतक लगने पर मंदिरों के कपाट शाम छह बजे तक बंद रहे। श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी पंडित वैकुंठनाथ शास्त्री ने बताया कि दोपहर 2:15 बजे से शुरू होकर शाम साढ़े चार बजे तक सूर्यग्रहण का तीव्र काल रहा। शाम छह बजे के बाद सूर्यग्रहण का प्रभाव खत्म हो गया था। ज्योतिषाचार्य डॉ. ललित लोहनी ने बताया कि सूर्यग्रहण लगने पर भोजन में तुलसी के पत्ते डालकर खाना खाया गया। साथ ही गर्भवती महिलाओं को सूर्यग्रहण में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है उन्हें अपने साथ नारियल रखना पड़ता है।
किच्छा के मंदिरों के कपाट ग्रहण तक बंद रहे
किच्छा। सूर्य ग्रहण के चलते नगर के समस्त मंदिरों के कपाट बंद रहे। इस दौरान मंदिरों में भजन जारी रहे। ग्रहण का असर बाजार पर भी दिखा और लोग कम ही बाहर निकले। नगर के श्री सनातन धर्म मंदिर, श्री कृष्ण बल्देव मंदिर, हर श्री नाथ मंदिर, सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, दुर्गा मंदिर, आजादनगर के शिव मंदिर, हरि विद्या मंदिर, मलसा गिरधरपुर स्थित तुलसीधाम मंदिर सभी बंद रहे। श्री सनातन धर्म मंदिर के पुजारी पं. अरुणेश मिश्रा ने बताया कि शाम को मूर्तियों को स्नान कराने के बाद पूजा-अर्चना की गई।
बंद रहे मंदिरों के कपाट, शाम को भगवान की मूर्तियों को कराया स्नान
RELATED ARTICLES